गर्भवती महिला और बच्चों को नियमित टीकाकरण से आच्छादित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। नियमित टीकाकरण से वंचित लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान की शुरुआत की जाएगी। तीन चरणों में सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान पूरा होगा। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान का उद्देश्य शून्य से 5 वर्ष के बच्चों तथा टीडीके खुराक से वंचित गर्भवती महिला का शत-प्रतिशत टीकाकरण से आच्छादित करना है। इसके साथ ही अभियान के तहत खसरा-रुबेला तथा पीसीवी, एफआईपीवी के तृतीय खुराक के आच्छादन के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान देना है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिया है।
पोर्टल पर होगा रजिस्ट्रेशन
जारी पत्र में कहा गया है कि सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान के तीनों चक्रों में टीकाकरण से वंचित लाभार्थियों को यू-विन पोर्टल पर पंजीकृत कर टीकाकरण किया जाएगा। इसके लिए हेडकाउंट सर्वे को सर्वे पंजी में शत-प्रतिशत अद्यतन किया जाना है। यह अभियान नियमित टीकाकरण को गति देने एवं वंचित 5 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन की डोज देने के उद्देश्य से विभिन्न चरणों में आयोजित किया जाएगा। प्रथम चरण में 7 से 12 अगस्त, द्वितीय चरण में 11 से 16 सितम्बर एवं तृतीय चरण के तहत 9 से 14 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा। वंचित रहे बच्चे का टीकाकरण इस अभियान में आवश्यक रूप से कराएं।
संपूर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि नवजात शिशुओं और बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारियों पोलियो, खसरा, रूबेला, रोटा वायरस, डिप्थीरिया, टेटनस, काली खांसी आदि से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाले इस मिशन का उद्देश्य है कि सभी बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करना है। यदि बच्चों का टीकाकरण समय से किया जाए तो बच्चे जीवन भर स्वस्थ और खुशहाल रहेंगे। सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान में दो तरह के बच्चों को शामिल किया गया था। पहला लेफ्टआउट जिन बच्चों को एक भी टीका नहीं लगा है व दूसरा ड्राप आउट, इसमें ऐसे बच्चे शामिल किए गए जिन्होंने एक या दो टीके लगवाने के बाद बीच में अन्य टीके नहीं लगवाए।