RANCHI : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो दिवसीय झारखंड दौरे को लेकर उत्साहित भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का शामिल होना सौभाग्य का दिन है। झारखंड के लिए 15 नवंबर का दिन बड़ा दिन है, क्योंकि इस दिन भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिन, झारखंड का स्थापना दिवस और जनजाति राष्ट्रीय गौरव दिवस है।
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 नवंबर को देर शाम रांची पहुंचेंगे और 15 नवंबर को सुबह भगवान बिरसा मुंडा के पैतृक गांव उलिहातु जाएंगे और वहां उनके परिवार से मिलेंगे। सोमवार को कार्यक्रम की तैयारी की हुई बैठक के बाद मरांडी पत्रकारों से बात कर रहे थे। प्रदेश अध्यक्ष मरांडी ने कहा कि प्रधानमंत्री झारखंड आकर जनजातीय गौरव दिवस को विशेष बनायेंगे। उन्होंने कहा कि 15 नवंबर झारखंडवसियों के लिए सौभाग्य का दिन है। इस दिन भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिन है, झारखंड राज्य का जन्मदिन और जनजाति राष्ट्रीय गौरव दिवस है। यह झारखंड का स्वर्णिम दिन है, झारखंड का बड़ा दिन है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने भाजपा की शुरू की गई योजनाओं को बंद कर विकास के रास्ते बंद कर दिये। हेमंत सरकार ने झारखंड को भ्रष्टाचार की जननी बना दिया है। उन्होंने कहा कि झारखंड निर्माण के 23 साल होने वाला है। झारखंड अब जवानी के दहलीज़ पर पहुँच चुका है। इस 23 वर्षों में भाजपा की सरकारों ने झारखंड में विकास के कई आयाम छुने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि हेमंत की सरकार में क़ानून व्यवस्था इतनी ख़राब हुई कि झारखंड के लोग भयभीत हैं और अपराधी बेख़ौफ़ घूम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि धनबाद में जितना अवैध कोयला का खनन हो रहा है इतना कभी नहीं हुआ, व्यापारियों को धमकी मिल रही है। सरकार का पहला काम है राज्य में क़ानून व्यवस्था बनाना, उद्योग धंधा तभी आगे बढ़ेगा लेकिन क़ानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ठप हो चुका है। मरांडी ने कहा कि गांव-गांव में भाजपा ने सड़कों का जाल बिछाया गया, घर-घर तक बिजली पहुँचाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने महिलाओं बहनों के लिए जो कार्य किया, वह किसी से छिपा नहीं है। भाजपा के कार्यकाल में एक रुपया में रजिस्ट्री, मुख्यमंत्री लक्ष्मी लाडली योजना, साइकिल वितरण, विशेष बहाली किया गया।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में चौतरफ़ा भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। ईडी ने भ्रष्ट अधिकारियों के ख़िलाफ़ FIR के लिए दर्जनों पत्र दिया लेकिन मुख्यमंत्री ने फ़ाइल दबा दिया है। मुख्यमंत्री को भी नोटिस मिला है। ईडी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ख़िलाफ़ कड़ीं क़ानूनी करवाई करनी चाहिये।