राजनीतिक दलों में छह साल के निष्कासन का फार्मूला लगभग तय सा है। पार्टी विरोधी कार्रवाई पर भी छह साल का निष्कासन और कानून की नजरों में अपराधी होने पर भी यही कार्रवाई। जदयू ने अपने प्रदेश सचिव संजय चौहान को पार्टी से छह सालों के लिए निष्कासित कर दिया है। संजय चौहान गोपालगंज का रहने वाला है। गोपालगंज में जिलाध्यक्ष भी रह चुका है। एक दिन पहले मीरगंज की पुलिस ने संजय को शराब के नशे में गिरफ्तार किया था। कानूनी कार्रवाई तो पुलिस कर रही है। पार्टी ने भी उसे छह साल के लिए निकाल दिया है।
शराब के नशे में संजय ने पुलिस से की थी धक्का-मुक्की
संजय चौहान को गोपालगंज में मीरगंज थाना की पुलिस ने पकड़ा। बताया जा रहा है कि वो यूपी से शराब पीकर अपने घर लौट रहा था। मीरगंज में एंटी लिकर टास्क फोर्स की टीम के हत्थे चढ़ गया। जब वो शराब की नशे की हालत में पकड़ा गया तो सत्ता का नशा भी हावी हो गया। धमकाते हुए कहा कि सबको सस्पेंड करवा दूंगा। पकड़ में आने के बाद उसने भागने की भी कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा।
विरोधियों को मिला मौका
बिहार में नीतीश सरकार की शराब नीति पर हमला होते ही रहा है। राजद विपक्ष में थी तो वो इसे फेल्योर बताती थी। अब भाजपा बताती है। सत्तारूढ़ पार्टी के प्रदेश स्तर के नेता के शराब पीते पकड़े जाने के बाद एक बार फिर सरकार के विपक्ष को मौका मिल गया है। वैसे तो पार्टी ने अपने स्तर से भी कार्रवाई कर दी है। लेकिन कार्रवाई के बाद भी मामला शांत पड़ने की उम्मीद नहीं है।