[Team insider] राज्य में लगातार मॉब लिंचिंग की घटना सामने आ रही है। कभी डायन बिसाही तो कभी चोरी-तो कभी अवैध संबंध के आरोप में पिटाई के मामले सामने आते रहे हैं। सिर्फ इस वर्ष की बात करें तो बीते डेढ़ महीने में कथित तौर पर पांच से ज्यादा घटनाएं सामने आई है। ताजा मामला लातेहार जिले के हेरहंज थाना क्षेत्र के हैसातू गांव का है। जहां दिनेश सिंह उर्फ दीनू नामक युवक को भारी पंचायत में अवैध संबंध का आरोप लगाकर पीटा गया, पिटाई के बाद उसकी मौत हो गई। वही उस पर गांव के सूर्यदेव सिंह ने अपने पत्नी के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया था।
चार जिलों में इंटरनेट सेवा बंद
इससे पहले सिमडेगा और हाजारीबाग जिले में मॉब लिंचिंग(Mob Lynching) का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था। सिमडेगा में संजू को घर से बुलाकर ले गए थे, इसके बाद तालिबानी अंदाज में पत्थरों से प्रहार कर संजू को मौत के घाट उतार दिया गया। इसके बाद घटनास्थल पर ही उसे आग के हवाले कर दिया था। वहीं, हाजारीबाग जिले के बरही प्रखंड में सरस्वती प्रतिमा के विसर्जन जुलूस के दौरान हजारीबाग जिले के बरही लखना दुलमहा में दो समुदाय से जुड़े युवकों के बीच झड़प हुईं थी जिसमें युवक रूपेश पांडेय(18) की पिटाई से मौत हो गई थी। वहीं इस मामले में राज्य सरकार की ओर एहतियात के तौर पर चार जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया था।
‘हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग विधायक 2021’
हालांकि बढ़ते मामलों को देखते हुए विधानसभा सत्र के दौरान 21 दिसंबर को ही झारखंड सरकार ने मॉब लिंचिंग को लेकर एक बिल पास किया था। इस बिल का नाम ‘हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग विधायक 2021’ नाम दिया है। बिल के मुताबिक ऐसी किसी ऐसी भीड़ द्वारा धार्मिक रंगभेद जाति लिंग जन्म स्थान या किसी अन्य आधार पर हिंसा करना मॉब लिंचिंग का हाल आएगा। वहीं इस घटना में दो या दो से ज्यादा लोगों के द्वारा किया जाएगा तो उसे मॉब कहा जाएगा। हालांकि बिल पास होने के बाद भी कई मॉब लिंचिंग घटनाएं घटी। कई में राजनीतिक रंग भी दिया गया। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस पर हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा। वह इस मामले पर राजनीतिक रंग भी देखने को मिले।
क्या है मॉब लिंचिंग बिल में
अगर कोई मॉब लिंचिंग में शामिल रहता है और ऐसी घटना में पीड़ित की मौत हो जाती है तो दोषी को सश्रम आजीवन कारावास के साथ 25 लाख रुपये तक जुर्माना देना होगा। विधेयक में कहा गया है कि, यदि कोई व्यक्ति किसी को लिंच करने की साजिश में शामिल होता है या षडयंत्र करता है या लिंचिंग के कृत्य के लिए दुष्प्रेरित या उसमें सहायता या प्रयत्न करता है, तो उसके लिए भी आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है। अगर मॉब लिंचिंग में किसी को गंभीर चोट आती है, तब भी दोषी को 10 वर्ष से लेकर उम्र कैद तक की सजा होगी। इसके साथ ही 3 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
मॉब लिंचिंग की वो घटनाएं, जो बनीं सुर्खियां
7 जनवरी 2022 को धनबाद में एक युवक भीड़ के कहर का शिकार हुआ था, हलांकि थूक चटा कर छोड़ दिया गया था।
8 फरवरी 2022 को हजारीबाग में प्रतिमा विसर्जन के दौरान युवक की हत्या।
10 फरवरी 2022 को लातेहार में अवैध संबंध का आरोप लगाकर पीटा गया, पिटाई के बाद उसकी मौत हो गयी।
4 जनवरी 2022 को सिमडेगा में एक युवक को पीटकर उसे जिंदा आग के हवाले कर दिया गया।
8 मार्च 2021 को रांची के कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई लिंचिंग की घटना में एक 22 वर्षीय सचिन की मौत हो गई थी।
14 मार्च 2021 को अनगड़ा इलाके में छोटू खान नामक युवक की गाड़ी की बैटरी चुराने के आरोप में भीड़ द्वारा पीटकर मार डाला गया था तो वहीं चाईबासा में ग्रामीणों ने 22 वर्षीय एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
23अगस्त 2020 को जसीमुद्दीन नामक एक मुस्लिम युवक को पीटने और चलती ट्रेन से नीचे फेंकने का मामला सामने आया था।
10 मई 2020 को झारखंड के दुमका जिले में मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया था, जहां बकरी चोरी के शक में भीड़ ने दो युवकों को पेड़ से बांधकर जमकर पीटा। पिटाई के बाद जहां एक युवक की मौत हो गई वहीं दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया।
अब तक 58 लोग हुए हैं शिकार, 35 की मौत
आंकड़ों पर गौर करें तो 17 मार्च 2016 से 12 फरवरी 2022 तक लगभग 60 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। मॉब लिंचिंग के मामले में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता एस अली ने बताया कि इस दौरान कुल 35 लोग मरे हैं। मरने वालों में 15 मुस्लिम, 11 हिन्दू, 5 आदिवासी, 4 ईसाई शामिल हैं. वहीं इस दौरान कुल 24 लोग घायल भी हुए हैं। घायल होनेवालों में 13 ईसाई, 5 आदिवासी, 3 मुस्लिम, 3 हिन्दू शामिल हैं।