RANCHI : झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के चौथे दिन भी भाजपा ने विधानसभा के बाहर कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। भाजपा विधायकों ने राज्य में आदिवासियों की हत्या और दुष्कर्म के लिए राज्य सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए सीएम हेमंत सोरेन से इस्तीफे की मांग की। थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों को झारखंड के मूल निवासियों के लिए आरक्षित करने की मांग की। वहीं सुभाष मुंडा हत्याकांड की जांच, नियोजन नीति को स्पष्ट करने, झारखंड को सुखाड़ और अकाल क्षेत्र घोषित करने समेत कई मांगों से संबंधित तख्तियां लेकर विधायकों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान कई बार सदन को स्थगित कर दिया गया।
किसने क्या कहा
महागामा विधायक दीपिका पांडे सिंह ने सत्र के शून्यकाल में हंसडीहा से महागामा तक नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा निर्माण कार्य का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में धड़ल्ले से वर्षों पुराने और कीमती पेड़ों की कटाई हो रही है। महागामा विधायक ने कहा कि पेड़ों की अनवरत कटाई से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। वैसे भी देश और दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रही है। पेड़ों की कटाई से वातावरण पर नकारात्मक पड़ेगा, इसके संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। विधायक ने बताया कि निर्माण कार्य कर रही डीबीएल कम्पनी काटे गए बहुमूल्य लकड़ी को बाजार में बेच रही है। जिसपर अंकुश लगना जरूरी है। उन्होंने सदन से आग्रह किया है कि अब तक अवैध रूप से काटे गए पेड़ों की जांच हो।
विरंची नारायण ने विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन प्रदर्शन किया। सत्र के चौथे दिन सरकार सदन में नकल विरोधी बिल पेश करने वाली थी। जिसको लेकर भाजपा के पार्टी सचेतक बिरंचि नारायण ने कहा कि सरकार डरी हुई है। ये सरकार नकल का विरोध करने के लिए बिल नहीं ला रही है बल्कि ज्यादा से ज्यादा नकल कराने के लिए बिल ला रही है।
झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने सदन में अपनी जान को खतरे का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि वह शुरू से जल जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनकी जान पर खतरा है। इसे लेकर उन्होंने डीजीपी और केंद्र को पत्र लिखा है। यहां स्थिति यह है कि लोगों को घर में घुसकर गोली मार दी जा रही है। इसलिए आग्रह है कि 15 दिनों में सुरक्षा दी जाये। अगर 15 दिन में सुरक्षा नहीं मिली तो वो केंद्र के पास जाने को मजबूर होंगे।