झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने सत्ता में वापसी के लिए ठोस रणनीति तैयार की है, इसपर सख्ती से अमल किया जाएगा। बात करें गठबंधन में सीटों की हिस्सेदारी को लेकर तो कांग्रेस समेत गठबंधन के अन्य घटक दल इसके दबाव में नहीं आएंगे और पार्टी की भूमिका बड़े भाई यानी झामुमो की ही होगी।
दरअसल हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस हताश है, उसे वो सफलता नहीं मिली जिसकी वो उम्मीद लगाकर बैठी थी। हालांकि एग्जिट पोल में रुझान कांग्रेस की तरफ थे, लेकिन रिजल्ट आने के बाद पार्टी को बैकफुट पर जाना पड़ा। अब हरियाणा के परिणाम के बाद झारखंड में क्षेत्रीय दल यानी जेएमएम का दबाव बढ़ेगा।
बुधवार को नई दिल्ली में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में हुई बैठक में भी इसपर चर्चा हुई है, कहा जा रहा है कि अब एक-एक सीट पर फोकस होगा। जिस सीट पर कांग्रेस की दावेदारी होगी, उसके लिए पहले स्पष्ट करना होगा कि वहां जीतने लायक प्रत्याशी है भी या नहीं। अब सिर्फ दावेदारी की वजह से सीट नहीं दी जाएगी, बल्कि एक-एक सीट को देख-परखकर फैसला किया जाएगा। ऐसे में पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि ‘राज्य में JMM कांग्रेस पर सीट बंटवारे को लेकर हावी रहेगा और कांग्रेस ज्यादा दबाव बनाने की स्थिति में नहीं रहेगी।’