झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर सबकी नज़रें अब सरायकेला सीट पर टिकी हुई हैं, कहा जा रहा है कि इस सीट पर बीजेपी में शामिल हुए चंपाई सोरेन के खिलाफ सीएम हेमंत सोरेन चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
दरअसल चंपाई सोरेन का लंबे समय से सरायकेला विधानसभा क्षेत्र में प्रभाव रहा है, वे यहां से 6 बार के विधायक रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भी झामुमो के टिकट पर उन्होंने सरायकेला से जीत दर्ज की थी। ऐसे में झामुमो के लिए उनकी जगह भरना काफी मुश्किल है।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं की ‘चंपाई के बीजेपी में जाने से भाजपा के स्थानीय नेताओं में नाराजगी है, जो नेता यहां पर से 5 साल से कम कर रहे थे उन्हें टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन चंपाई के बीजेपी में आने के बाद सभी उम्मीदों पर पानी फिर गया और अब इस सीट से पार्टी चंपाई को टिकट दे सकती है।’
बात करें झामुमो की तो चंपाई के खिलाफ सरायकेला में कई दावेदार मैदान में हैं, इसमें बास्को बेसरा का नाम सबसे आगे है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद बास्को बसेरा को पार्टी सरायकेला से टिकट दे सकती है, हालांकि झामुमो के भागलु सोरेन और कृष्णा बास्को भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। लेकिन पार्टी यहां से किसी बड़े चेहरे को चुनाव लड़वाना चाहती है।
झामुमो के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि ‘सरायकेला से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद चुनाव लड़ना चाहिए।’ वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि ‘इस बार हेमंत सोरेन बरहेट के साथ कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला सीट से भी चुनाव लड़ते हैं तो इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी।’