[Team insider] झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) कैडर प्रतिनियुक्ति नियमों में प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कैडर से जुड़े नियमों में संशोधनों पर आपत्ति जताया है। सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम को लिखे पत्र का सोशल मीडिया ट्विटर पर साझा भी किया है। उन्होंने कहा है कि यह कदम ‘सहकारी संघवाद’ के बजाय ‘एकपक्षवाद’ को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने पीएम से अनुरोध किया है कि वे इस आपत्ति पर विचार करेंगे और इस प्रस्ताव पर तत्काल ही रोक लगाने का काम करेंगे।
कई अधिकारी एक से अधिक प्रभार संभाल रहे हैं
अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि कई अधिकारी एक से अधिक प्रभार संभाल रहे हैं और अधिकारियों की इस भारी कमी के कारण प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा पूल से अधिकारियों को जबरन हटाने से राज्य सरकार के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना बेहद मुश्किल हो जायेगा। यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि केंद्र सरकार की अधिकांश योजनाएं और परियोजनाएं राज्य सरकारों के माध्यम से ही कार्यान्वित की जाती हैं।
अधिकारियों की बढ़ती कमी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की परियोजनाओं के समय पर कार्यान्वयन में बाधा उत्पन्न करेगी।
आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में बदलाव की तैयारी में केंद्र ने बढ़ाया कदम
केंद्र सरकार ने आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में बदलाव की दिशा में कदम बढ़ा दी है। इस दिशा में संशोधन का प्रस्ताव लाया गया है। बदलाव के तहत केंद्र सरकार राज्य के आरक्षण (अधिकार) को बिना माने किसी भी आईएएस अफसर को डेपुटेशन पर केंद्र बुला सकती है। साफ है कि केंद्र कभी भी राज्य सरकार की अनुमति के बिना अधिकारियों का तबादला करने में सक्षम होगा। अभी तक का नियम यही था कि केंद्र में जाने के लिए अफसरों को राज्य सरकारों द्वारा एनओसी की जरूरत पड़ती थी।
केंद्र की इस पहल पर ममता, बघेल भी जता चुके हैं विरोध
बता दें कि केंद्र की इस पहल के खिलाफ सीएम हेमंत सोरेन पहले सीएम नहीं हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के अलावा महाराष्ट्र और केरल सरकारों ने भी अपना विरोध जताया है।