[team insider]बिहार सरकार के जाति जनगणना कराने के फैसला के बाद अब झारखण्ड में भी इसकी आवाज उठने लगी हैl इसकी शुरुआत आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने की हैl उन्होंने इस सम्बन्ध में बाकायदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र भी लिखा हैl वहीँ सत्ताधारी दल इस मामले में केंद्र सरकार को पहल करने की वकालत कर रहे हैंl
महतो ने कहा इस प्रदेश में जो सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम हैं उनमें से कई बिंदु है जिन पर विचार करने की जरूरत हैl यह तब संभव हो जाएगा जब लोगों की वास्तविक स्थिति का सही रूप से आता है, क्योंकि शेड्यूल्ड ट्राइब और शेड्यूल्ड कास्ट के लगातार सेंसस के साथ आते हैंl शेष लोगों का आंकड़ा कभी भी सही नहीं आ पाता, उनके लिए जो करना चाहिए वह छूट जाता हैl
झामुमो की मांग जाति जनगणना के साथ हो सरना धर्म कोड लागू
वहीँ राज्य में सत्ताधारी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि पार्टी शुरू से जाति जनगणना के पक्ष में हैl पार्टी के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी की शुरू से मांग है कि झारखण्ड में भी जाति जनगणना होl इस निमित्त पार्टी ने अपना निर्णय भी केंद्र के पास रखा हैl उन्होंने कहा कि इसके साथ साथ सरना धर्म कोड भी शामिल हो उसकी भी पार्टी मांग करती है l
ओबीसी मोर्चा का तर्क,केंद्र करे पहल
इस मामले ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि जातीय जनगणना मुख्य रूप से केंद्र सरकार का मामला हैl राज्य सरकार अगर करती भी है तो इसके लिए एक अलग कॉलम बनाना होगा और उसे भरना भी होगाl जबकि इसे केंद्र सरकार को करना चाहिएl 2018 में वे केंद्र सरकार में इस बात को लेकर चर्चा हुई थीl दरअसल इस तरह का सेन्सस बनाने के पीछे तर्क यह है कि ओबीसी वर्ग को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार की योजनाएं बनाई जाएं ताकि उनको उसका लाभ मिल सकेl
कांग्रेस ने लिया सुदेश को आड़े हाथों
वहीँ कांग्रेस के जे पी नड्डा देश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि सुदेश महतो को यह बताना चाहिए कि कल नड्डा से क्या बात हुईl कांग्रेस तो पहले से इस बात की पक्षधर हैl पार्टी ने अपने ओबीसी प्रकोष्ठ को आज से लेकर एक सप्ताह तक सभी जिला मुख्यालयों पर इस विषय को लेकर धरना देने का निर्देश नेतृत्व द्वारा दिया जा चुका हैl उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में पहल करना चाहिएl सुदेश महतो ने सीएम को पत्र लिखा है जबकि उन्हें केंद्र से इस मामले में पहल करनी चाहिएl
क्या है आंकड़ा
सामाजिक, आर्थिक, जातीय जनगणना-2011 की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के करीब 1.33 करोड़ लोग रहते हैं. यह राज्य की कुल आबादी 3.29 करोड़ का लगभग 40.43 फीसदी हैl उपलब्ध आंकड़े के अनुसार ओबीसी की सबसे अधिक संख्या गिरिडीह जिले में हैl यहां इनकी आबादी 15.42 लाख है, जो जिले की कुल आबादी का करीब 63 फीसदी हैl इसके बाद फीसदी के आधार पर सर्वाधिक ओबीसी देवघर, पलामू, सरायकेला तथा चतरा जिले में हैl हालांकि ओबीसी जनसंख्या के लिहाज से धनबाद दूसरे व रांची तीसरे नंबर पर हैl जनसंख्या व फीसदी दोनों के आधार पर ओबीसी की सबसे कम आबादी खूंटी जिले में हैl