सार्वजनिक दुर्गा मंदिर, काली मंदिर व हरि मंदिर में शनिवार को परिवार की मंगल कामना व जीवन में आने वाली विपत्तियों से मुक्ति के लिए मां विपत्तारिणी की पूजा अर्चना बड़े ही आस्था और श्रद्धा के साथ की गई। इस दौरान शहर की महिलाओं ने दिनभर उपवास रहकर 13 प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाकर मां विपत्तारिणी की पूजा अर्चना की।
बंगाली समुदाय को इस पूजा का रहता है इंतजार
पंडित भजन घोषाल ने मीडिया को बताया कि मां विपतारिणी की पूजा अपने परिवारों के लिए करते हैं ताकि परिवार में सब सुख शांति से जीवन व्यतीत हो तथा आने वाले दिन विपत्ति से मुक्ति करें तथा इस पूजन का खास महत्व है 13 फूल 13 सुपारी 13 पान का पत्ता तथा अन्य सामग्री से मां की पूजा अर्चना की जाती है और की पूजा की बंगाली समुदाय को वर्षों से इंतजार रहती है और बड़े ही श्रद्धा के साथ मां विपतारिणी को पूजा कर प्रसन्न करते हैं।
पूर्वी सिंहभूम : विभिन्न दैव्य स्थलों में मां बिपत्तारिणी की पूजा संपन्न
पूरे पूर्वी सिंहभूम जिले में धूमधाम के साथ मां बिपत्तारिणी की पूजा संपन्न हुई, जहां निर्जला उपवास कर महिला श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर अपने अपने परिवार के सदस्यों के सुख समृद्धि की कामना की। हर वर्ष रथ पूजा के बाद पड़ने वाले शनिवार और मंगलवार को बिपत्तारिणी पूजा का आयोजन किया जाता है। पिछले 2 वर्षों से वैश्विक महामारी के चलते इस पूजा का आयोजन नहीं हो पा रहा था। महामारी का प्रकोप कम होते ही धूमधाम के साथ पूर्वी सिंहभूम जिले के विभिन्न दैव्य स्थलों में मां बिपत्तारिणी की पूजा संपन्न हुई।
सैकड़ों की संख्या में महिला श्रद्धालु पूजा में हुए शामिल
जमशेदपुर के प्रख्यात मंदिर जुगसलाई दुर्गाबाड़ी परिसर में धूमधाम के साथ मां बिपत्तारिणी के पूजा का आयोजन किया गया। जहां सैकड़ों की संख्या में महिला श्रद्धालु एकत्रित होकर पूजा में शामिल हुए। वहीं जानकारी देते हुए मंदिर के ट्रस्टी विश्वनाथ भवाई ने बताया कि रथ पूजा के अगले दिन पड़ने वाले शनिवार और मंगलवार को विशेषकर इस पूजा का आयोजन किया जाता है। इस पूजा का आयोजन विपत्तियों और बाधाओं को दूर करने के उद्देश्य से श्रद्धालु करते हैं। उन्होंने कहा कि इस पूजा में केवल जुगसलाई ही नहीं, बल्कि जमशेदपुर के कोने-कोने से श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की।