[Team insider] ड्रिंक एंड ड्राइव यानी शराब पीकर ड्राइविंग करने की वजह से देश मे हर साल हजारों लोगों की मौतें होती है। तमाम सेफ्टी मेजर्स और कानून के बावजूद नशे की वजह से कई लोगों की ज़िंदगी का सफर बीच रास्ते मे ही खत्म हो जाता है। लेकिन अब घबराने की जरूरत नही है। धनबाद के युवाओं ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसकी मदद से आने वाले वक्त में नशे की वजह से होने वाले सड़क हादसों को आसानी से कम किया जा सकेगा।
तीन दोस्तों ने मिलकर एक तकनीक को किया ईजाद
जी हां, बिल्कुल सही सुना आपने। धनबाद में ईजाद हुआ ये डिवाइस अब करेगा आपकी जान की हिफाजत। दरअसल हमारे देश मे जितनी मौते सड़क हादसों में होती है शायद ही किसी और वजहों से उतनी जानें जाती होंगी। लेकिन अब आपको फिक्र करने की कोई जरूरत नही। देश मे नशे की वजहों से बढ़ रहे सड़क हादसों को रोकने का जिम्मा उठाया है इन युवाओं ने। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड में काम करने वाले तीन दोस्तों ने मिलकर एक ऐसे तकनीक को ईजाद किया है जिसकी मदद से आने वाले दिनों में हम शराब के नशे की वजह से होने वाले सड़क हादसों को आसानी से रोक पाएंगे।
झपकी लेने की वजह से भी होते हैं कई हादसे
बता दें कि smart safety system against alcohol in vehicles के नाम से छोटे से डब्बे में बंद ये सुरक्षा कवच लाखों जिंदगियां बचाने के लिए तैयार की गई है। अक्सर लोग शराब पीकर गाड़ी चलाने से बाज नही आते। लोगों की यही लापरवाही उनकी जान पर भारी पड़ती है। इतना ही नही गाड़ी चलाते वक्त अक्सर नींद आने या झपकी लेने की वजह से भी कई हादसे होते रहते हैं। इन युवाओं की अगली कोशिश ये भी है इसी डिवाइस की मदद से नींद की वजह से होने वाले हादसों को भी रोका जाए।
2020 में देश मे सड़क दुर्घटनाओं के कुल 3,54,796 मामले दर्ज
ncrb के हालिया सरकारी आंकड़ों पर अगर गौर करें तो साल 2020 में देश मे सड़क दुर्घटनाओं के कुल 3,54,796 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 1 लाख 33 हजार 201 लोग मारे गए। ये आंकड़ा कोरोना काल के वक़्त लगे लॉक डाउन के दौरान का है जब ज्यादातर लोग अपने घरों में थे और सड़के वीरान थी। इन आंकड़ों से आप समझ सकते हैं कि इस छोटे से डिवाइस की मदद से हम आने वाले वक्त में कितनी जानें बचा सकते हैं। बस जरूरत इस बात की है कि सरकार और गाड़ी बनाने वाली कंपनियां इस तकनीक को जल्द से जल्द अमल में लाये ताकि न सिर्फ सड़क हादसों को रोका जा सके बल्कि उन हादसों में होने वाली मौत को भी टाला जा सके।
परीक्षण के लिए DGMS के पास भेजा गया
धनबाद की कोयला कंपनी बीसीसीएल में काम करने वाले अजीत यादव ने अपने दोस्त सिद्धार्थ सुमन और मनीष बलमुचू के साथ मिलकर इस डिवाइस को तैयार किया है। इस डिवाइस को आगे के परीक्षण के लिए DGMS यानी (डायरेक्टर जेनरल ऑफ माइंस सेफ्टी) के पास भेजा गया है। इंतजार अब केंद्र सरकार से अप्रूवल की है जिसके बाद इसके इस्तेमाल को अमल में लाया जा सकेगा और इसकी मदद से हम भविष्य में सड़क हादसों के दौरान होने वाली मौतों को रोक पाएंगे।