RANCHI : झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। सत्र का छठा दिन भी हंगामे दार रहा। इस बीच सदन से दो विधेयक पास हो गए। भोजनावकाश के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने को लेकर कांग्रेस विधायकों ने खुशी जाहिर की। इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला किया। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर लोकतंत्र की हत्या की थी। इसके बाद सदन में झारखंड स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक 2023 मंत्री बन्ना गुप्ता ने सदन में रखा जो सदन से पास हो गया। वहीं प्रभारी वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया। इस विधेयक को भी सदन से पास कर दिया गया। हालांकि बीजेपी विधायकों ने इसमें वाइस चांसलर मुख्यमंत्री को बनाए जाने पर का विरोध किया। साथ ही कहा कि इसमें राजभवन और सीएमओ में विवाद होगा और टकराव होगा। अमर बावरी ने कहा कि यह राज्यपाल और संघीय व्यवस्था को ध्वस्त करने के लिए लाया जा रहा है। बन्ना गुप्ता ने कहा कि हमलोग एडवांस प्लानिंग वाले लोग हैं। बिहार में एनडीए की सरकार में तीन स्वास्थ, खेल और तकनीकी विश्वविद्यालय बिल लाया गया, जिसका वाइस चांसलर मुख्यमंत्री को बनाया हुआ अजीब बात है। बन्ना गुप्ता ने कहा कि यहां पर विरोध करते हैं और खुद नीति लाते हैं।
राजभवन जाने का हक है हमें : बाबूलाल मरांडी
झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सत्ता पक्ष द्वारा बीजेपी के राजभवन जाने पर सवाल उठाने पर कहा, अगर कुछ गड़बड़ी होती है तो विपक्ष को राजभवन जाने का पूरा हक है। मुख्यमंत्री के पास कई महत्वपूर्ण विभागों के होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि उद्योग, खनन, गृह समेत लगभग दर्जनभर महत्वपूर्ण विभाग मुख्यमंत्री ने अपने पास रखे हैं। उन्होंने कहा कि इन विभागों की क्या हालत है, यह सबको पता है। सभी विभागों में गड़बड़ियां हो रही हैं और यह चाहते हैं कि विपक्ष आवाज भी नहीं उठाए। बाबूलाल ने कहा कि मुख्यमंत्री सब कुछ अपनी मुट्ठी में ही रखना चाहते हैं।
रिम्स ओटी मामले की होगी जांच : बन्ना गुप्ता
विधायक सरफराज अहमद ने सदन में सवाल उठाया कि रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में 12 मॉड्यूलर ओटी (ऑपरेशन थिएटर) की खरीदारी में गड़बड़ी हुई है। इसके कारण राजस्व को करीब 25 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस मामले की विभागीय जांच के लिए 3 सितंबर 2022 को एक जांच समिति का गठन किया गया था। लेकिन जांच समिति की ना कोई रिपोर्ट आयी और ना ही इस पर कोई कार्रवाई हुई। इसपर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के लिए टेंडर के जरिए दो मॉड्यूलर ओटी बनाए गए थे। यह सही है कि जांच के लिए 3 सितंबर 2022 को समिति का गठन किया गया था, लेकिन इस समिति के सदस्य डॉ हिमांशु भूषण बरवार का आकस्मिक निधन हो गया। जिसके बाद 15 जून 2023 को जांच समिति का पुनर्गठन किया गया है।बहुत जल्द जांच कराकर इस मामले में सदन को अवगत करायेंगे।
एसबीपी मेहता ने मांगी माफी
विधानसभा के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन भाजपा का हंगामा जारी रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे और वेल में धरना पर बैठ गये। झारखंड राज्य प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023 और नियोजन नीति को लेकर भाजपा विधायकों का हंगामा जारी रहा। संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने सदन में कहा कि कल इरफान अंसारी और मैंने सदन में विपक्ष की मांग पर माफी मांगा। उन्होंने स्पीकर से मांग कि, भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता भी कल के अपने आचरण के लिए माफी मांगें। इसपर कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने कहा कि इरफान अंसारी अभी से सदन में जब तक रहें, तब तक वे सदन में अनर्गल बातें न करें। उनपर लगाम लगना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि विधायकों को साधारण आदमी की तरह बर्ताव नहीं करना चाहिए। इसके बाद मेहता ने अपने कल के आचरण के लिए सदन में माफी मांगी।
केंद्र के पास 35000 करोड़ रुपए बकाया
मॉनसून सत्र के आखिरी दिन विधायक प्रदीप यादव ने सदन में सवाल उठाया कि राज्य सरकार का केंद्र के पास करीब 35000 करोड रुपए बकाया है। बार-बार यह राशि केंद्र से मांगी जा रही है। लेकिन नहीं मिलने के कारण राज्य में विकास का काम बाधित है। उन्होंने पूछा कि सरकार बकाया राशि वसूली के लिए क्या कोशिश कर रही है। जो कोशिश हो रही है क्या वह काफी है। क्या सरकार ने पता लगाया है कि सिर्फ भाजपा शासित राज्यों का ही पैसा केंद्र रोक कर रखती है। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन को बताया कि राज्य सरकार का 35000 करोड़ रुपए से अधिक राशि केंद्र सरकार और केंद्र सरकार के उपक्रमों के पास बकाया है। इसे प्राप्त करने के लिए विभागीय प्रयास के अलावा राज्य सरकार नीति आयोग और पूर्वी क्षेत्र परिषद की बैठक में यह मामला उठाती रही है। राज्य सरकार के प्रयास से भू अधिग्रहण मद में 2532 करोड रुपए प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 2200 से अधिक की बकाया राशि है। इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों से पत्राचार किया गया है।