[Team insider] झारखंड राज्य बार काउंसिल की ओर मंगलवार को न्यायिक पेन डाउन किया गया। इस दौरान कोर्ट में सुनवाई से लेकर सभी काम काज बंद रहे। हालांकि हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई इस दौरान हुई। दरअसल झारखंड राज्य बार काउंसिल सदस्य हेमंत सिकरवार और उनके परिवार पर जमीनी विवाद के मामले में 29 जनवरी को जमीन माफियाओं ने जानलेवा हमला कर दिया। इस घटना में हाईकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत सिकरवार, चालक व उनके घर काम करने वाली एक महिला को गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
अधिवक्ताओं ने हेमंत शिकरवार से की मुलाकात
कुछ अधिवक्ताओं ने हजारीबाग जाकर हेमंत शिकरवार से मुलाकात की। बार कांउसिल के मीडिया प्रभारी संजय कुमारी विद्रोही ने बताया कि राज्य में न्यायिक काम काज बंद रहे। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अधिवक्ताओं ने विरोध दर्ज किया और एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग की। विद्रोही ने बताया कि लंबे समय से राज्य में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले कि पूरी जांच होनी चाहिए। साथ ही स्पीड ट्रायल के तहत दोषियों पर कारवाई हो। बार कांउसिल के आदेशानुसार दो फरवरी से अधिवक्ता काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। इस दौरान अधिवक्ताओं पर हो रहे हमलों का विरोध किया जायेगा।
जमशेदपुर के अधिवक्ताओं काला बिल्ला लगाकर जताया विरोध
वहीं जमशेदपुर के अधिवक्ताओं ने स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर मंगलवार को खुद को न्यायिक कार्यों से अलग रखा। साथ ही कला बिल्ला लगाकर सरकार के प्रति विरोध जताया। इसकी जानकारी देते हुए डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लाला अजीत कुमार अम्बष्ठ ने बताया कि राज्य भर में आए दिन वकीलों पर हमले हो रहे हैं।
वर्षो से की जा रही है अधिवक्ता सुरक्षा कानून की मांग
अधिवक्ता सुरक्षा कानून की मांग वर्षो से की जा रही है, मगर सरकार राज्य के वकीलों को सुरक्षा मुहैया कराने में विफल साबित हो रही है। ऐसे में राज्य भर के वकील अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलित हैं। यही कारण है कि आज राज्य भर के अधिवक्ता काला बिल्ला लगाकर खुद को न्यायिक कार्यों से अलग रखा है। उन्होंने बताया, कि इस संबंध में एक मांग पत्र जिले के उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी सौंपा जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द राज्य में अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू किया जा सके।