झारखंड के पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने ED की छापेमारी के बाद खुद को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ‘हनुमान’ बताया। उन्होंने कहा कि ‘मैं इस तरह की कार्रवाई से डरने वाला नहीं हूं। हम लोग ईडी की छापेमारी को लेकर यूज टू हो गए हैं, यह कहीं से भी ईडी की रेड नहीं है। पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। जब ये जनता की अदालत में देखते हैं कि पूरी तरह से फेल हो गए है। जनता ने इन्हें पूरी तरह से नकार दिया है, इसलिए इस तरह का हथकंडे अपना रहे हैं। केंद्रीय एजेंसियों को हमारे पीछे लगा रहे हैं।’
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि ‘मैं चाहता हूं कि ईडी पूरी पारदर्शिता के साथ जांच करें, मैं जांच में पूरा सहयोग करने को तैयार हूं। लेकिन कठपुतली न बने। इशारों पर ना नाचे। लोकसभा चुनाव के समय से ही भारतीय जनता पार्टी में मुझे खुद में शामिल कराने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन फांसी पर चढ़ जाऊंगा। लेकिन दबाव की राजनीति नहीं करूंगा। झारखंड की जनता के साथ किसी तरह का छल-धोखा नहीं करूंगा। मुख्यमंत्री ने जो बीड़ा उठाया है, अंतिम पंक्ति के लोगों को हक अधिकार दिलाने के लिए और झारखंड के विकास का। उसमें हम भी सहभागी हैं। यह लोग बेवजह बिना आरोप के जब राज्य के मुख्यमंत्री को 5 महीने जेल में रख सकते हैं। तो 1 साल 2 साल हम लोग भी रह लेंगे।’
विपक्ष पर आरोप लगाते हुए मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि ‘यह डर गए हैं कि पूरे झारखंड में इनका सूपड़ा साफ हो जाएगा। पलामू प्रमंडल में इनकी कोई सीट नहीं आने वाली है। जब हार और थक गए। तो केंद्रीय एजेंसियों को लगा दिया है। इनके लिए ईडी अंतिम अस्त्र हैं, लेकिन हम रुकने वाले नहीं है। झुकने वाले नहीं है। तोड़ दो या मरोड़ दो। लेकिन झुकेंगे नहीं। हम वैसे लोग नहीं है। झारखंड के पानी के लोग हैं। मिट्टी के लोग हैं। यहां हम झुकने वाले नहीं है। हम तो स्वागत करते हैं कि आप जांच करो। पारदर्शिता के साथ जांच करो। आपके जांच में हम सहयोग करेंगे।’