कुर्मी नेता जयराम महतो के खिलाफ आदिवासी संगठनों में आक्रोश है, दरअसल जयराम महतो की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें वे सरना गमछा पर खड़े होकर जनसभा को संबोधित करते नजर आ रहे हैं> फिलहाल इस मामले में जयराम महतो द्वारा सफाई देने के बाद भी संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है।
सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष अजय तिर्की ने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि ‘जयराम महतो ने अपने कृत्य से आदिवासी समुदाय का अपमान किया है। जनसभा को संबोधित करते समय उन्होंने भगवा गमछे को माथे पर लपेटा है, जबकि उनके पैरों के नीचे सरना गमछा है। इससे आदिवासियों के प्रति उनकी मानसिकता नजर आती है। जरूरत पड़ी, तो इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करायेंगे।’
एक अन्य संगठन राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के सदस्यों ने सहजानंद चौक पर जयराम महतो का पुतला दहन किया, प्रार्थना सभा के महानगर अध्यक्ष चंपा कुजूर, तानसेन गाड़ी, अर्जुन गाड़ी, सुको उरांव, उषा पूर्ति सहित अन्य ने कहा कि ‘सरना गमछा आम कपड़ा नहीं है, बल्कि आदिवासी समुदाय में यह मान-सम्मान का प्रतीक है। जब प्रधानमंत्री भी झारखंड आते हैं, तो उन्हें सम्मान देने के लिए इसे ओढ़ाया जाता है। जयराम इस मामले में खुले मंच से माफी मांगे।’
जयराम महतो ने इस मामले में सफाई दी है, उन्होंने कहा कि ‘गाड़ी पर खड़े होकर जनसभा को संबोधित करते समय किसी समर्थक ने उस गमछे को गाड़ी में रख दिया था, मुझे पता नहीं चल पाया और अनजाने में गमछा पर पैर पड़ गया। जान-बूझ कर ऐसा करने का कोई इरादा नहीं था, फिर भी अगर किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं।’