[Team insider] विधानसभा बजट सत्र के दसवें दिन यानि शुक्रवार को महिला व बाल कल्याण विभाग की मंत्री जोबा मांझी ने सदन में घोषणा की कि पोषण सखी को इस माह के अंत तक बकाया मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा। बता दें कि 11 माह से मानदेय नहीं मिलने से झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी पोषण सखी संघ आंदोलन की राह पर है।
समस्या सिर्फ छह राज्यों की नहीं बल्कि सभी जिलों की
जोबा मांझी ने कहा कि भारत सरकार से पोषण सखियों का मानदेय मिलता था। 2017 से इसे बंद कर दिया गया है। कहा कि भारत सरकार ने झारखंड के मात्र छह जिलों का चयन इस कार्य के लिए किया था। लेकिन हमारी सरकार का मानना है कि पूरे राज्य में पोषण सखी को नियुक्त किया जाये। क्योंकि जिस समस्या के समाधान के लिए पोषण सखी को रखा गया था वह समस्या सिर्फ छह राज्यों की नहीं बल्कि सभी जिलों की है।
जोबा मांझी भाजपा विधायक नीरा यादव द्वारा लाये गये कटौती प्रस्ताव के जवाब में बोल रही थीं। विपक्ष के बहिष्कार के बीच महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 5742 करोड़ रुपये की अनुदान मांग पारित हुई।
सेविका सहायिका का बढ़ेगा मानदेय
जोबा मांझी ने कहा कि आनेवाले समय में सरकार आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय को बढ़ाने पर विचार कर रही है। इस बाबत मुख्यमंत्री से विमर्श हो चुका है। हरिया बेचने वाली महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है।