[Team insider] राज्य में नई शराब नीति को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। 24 फरवरी को होने वाली मंत्री परिषद की बैठक में नई शराब नीति पर मुहर लगेगी। जिसमें एक ही कंपनी जेएसबीसीएल को पूरे राज्य में शराब की खुदरा बिक्री करने का अधिकार दिया जाएगा। वही शराब नीति पर मुहर लगने के बाद अप्रैल से नई नीति को लागू किया जा सकेगा।
प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए सरकार फ्किस करेगी टारगेट
नई उत्पाद नीति एक्ट में बार, होलसेल पॉलिसी, रिटेल पॉलिसी, कंट्री लिकर पॉलिसी, में परिवर्तन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। नए उत्पाद नीति में रिटेल पॉलिसी को भी बदला जाएगा। शराब का खुदरा कारोबार जेएसबीसीएल के माध्यम से होगा। जेएसबीसीएल प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए दुकानों का संचालन किया जाएगा। प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए सरकार टारगेट फ्किस करेगी। टारगेट पूरा नहीं करने पर पेनाल्टी वसूलने का प्रावधान किया गया।
बार के लिए हर महीने का कोटा किया जाएगा निर्धारित
नई उत्पाद नीति में बार पॉलिसी बदल गई। हालांकि बार पॉलिसी के लिए निर्धारित लाइसेंस की फीस में भी वृद्धि का प्रस्ताव नहीं बनाया गया है। प्रस्ताव में बार के लिए मिनिमम कोटा फिक्स करने की बात कही गई है। शराब की दुकानों पर तर्ज पर बार के लिए हर महीने का कोटा निर्धारित किया जाएगा। वर्तमान में बार के लिए किसी तरह का कोटा फिक्स नहीं है।
देसी शराब शीशे की बोतल में होगी उपलब्ध
उत्पाद विभाग ने कंट्री लिकर पर पॉलिसी आदेश इस राजनीति के बदलाव प्रस्ताव बनाया। देसी शराब के द्वितीय स्ट्रक्चर बदलाव किया गया है जा रहा है। वहीं प्लास्टिक के पैक में देसी शराब की बिक्री प्रतिबंधित किया गया। देसी शराब शीशे की बोतल में उपलब्ध होगी।
नई नीति में कठोर सजा का किया गया है प्रावधान
नई उत्पाद नीति के तहत कानून में बदलाव किया गया है। शराब की अवैध बिक्री व नकली शराब के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए राज्य में लागू कानून वर्ष 1915 में बनाया गया था। इसमें संशोधन करते हुए अवैध और नकली व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।