[Team insider] झारखंड विधानसभा में गुरूवार को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने भाजपा विधायक मनीष जायसवाल के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में कहा कि पूरे राज्य में 23 मार्च तक राज्य सरकार में 71.33 फ़ीसदी धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य को पूरा कर लिया है। अगर 31 मार्च तक 100 फ़ीसदी धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य पूरा नहीं होता तो 31 अप्रैल तक डेट बढ़ाने के लिए केंद्र को चिट्ठी लिखी जाएगी। मंत्री बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल के उठाए सवाल का जवाब दे रहे थे।
किसान 12-13 रुपए धान बेचने को होंगे विवश
मनीष जायसवाल ने अल्पसूचित सवाल के जरिए कहा था कि राज्य सरकार धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य से काफी पीछे है। अगर ऐसा ही रहा तो किसान 12-13 रुपए धान बेचने को विवश होंगे। धान अधिप्राप्ति का टारगेट भी कम है और अचीवमेंट सिर्फ 50 से 55 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि भुगतान में शीघ्रता लाने के लिए सभी जिला प्रबंधक को निर्देश दिया गया है। जहां तक हजारीबाग जिले का सवाल है तो यहां के किसानों को प्रथम क़िस्त के भुगतान के लिए 79.56 करोड़ के विरुद्ध 76.60 करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है।
उपार्जन पोर्टल पर 2,55,543 किसान निबंधित
विधायक के सवाल के जवाब में सरकार की ओर से बताया गया कि धान अधिप्राप्ति के लिए उपार्जन पोर्टल पर 2,55,543 किसान निबंधित हैं। 7 मार्च तक 87,513 किसानों से धान की अधिप्राप्ति की गई थी। सरकार ने बताया कि खरीफ विपणन मौसम 2021-22 में सरकार ने धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 80 लाख क्विंटल निर्धारित है। स्नेक्स के विरुद्ध 7 मार्च 2022 तक 45,10,719 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति की जा चुकी है जो निर्धारित लक्ष्य का 56.38% है।
प्रथम किश्त के भुगतान के लिए 437.53 करोड़ रुपए की जरूरत
मंत्री ने बताया कि 7 मार्च तक खरीदे 45,10,719 क्विंटल धान के बदले 373.96 करोड रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। प्रथम किश्त के भुगतान के लिए 437.53 करोड़ रुपए की जरूरत है। इसके विरुद्ध जिलों को 460.90 करोड रुपए उपलब्ध करा दिया जा चुका है।