[Team insider] राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की सारी कवायद लगभग पूरी हो चुकी है। वहीं यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया अप्रैल माह के तीसरे सप्ताह से शुरू हो जाएगी। जबकि मई के दूसरे सप्ताह में मतदान कराया जा सकता है। हलांकि चुनाव कराने के प्रस्ताव को राज्यपाल के पास भेज दिया गया है, वहीं राज्यपाल से सहमति मिलने के बाद पंचायत चुनाव की तिथि की घोषणा कभी भी की जा सकती है।
पंचायत चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) आरक्षण पर रोक लगा दी है, जिसके बाद राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था नहीं होगी। हालांकि अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति के अलावा महिलाओं के लिए भी पदों के आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। वहीं ओबीसी की सीटें सामान्य श्रेणी में यानी अनारक्षित हो जाएंगी।
कहां कितने पद आरक्षित : चुनाव में जिला परिषद सदस्य के 536 पदों में से 64 एससी व 178 एसटी के लिए आरक्षित हैं. पंचायत समिति के 5341 पदों में से 639 एससी व 1,773 एसटी, ग्राम पंचायत मुखिया के 4,345 पदों में से 412 एससी व 2,272 एसटी और ग्राम पंचायत सदस्य के 53,479 पदों में से 6,101 एससी व 17,060 एसटी के लिए आरक्षित हैं. ओबीसी के लिए पूर्व में आरक्षित 8,063 पदों को अब अनारक्षित कर दिया गया है। राज्य में जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, ग्राम पंचायत मुखिया व ग्राम पंचायत सदस्य के कुल 30,318 अनारक्षित पदों पर चुनाव होना है।
53,480 मतदान केंद्रों का गठन :राज्य में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने कुल 53,480 मतदान केंद्रों का गठन किया है। मतदान कराने के लिए हर बूथ पर कम से कम पांच लोगों की टीम रहेगी।
निलंबन मुक्त करने की अनुशंसा
वहीं इस पंचायत चुनाव में उन जनप्रतिनिधियों को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा, जो कभी किसी गंभीर आरोप में निलंबित हुए हैं और अब संबंधित उपायुक्त ने उन्हें निलंबन मुक्त करने की अनुशंसा कर दी है। पंचायती राज विभाग में ऐसे कई मामले हैं जिसमें जनप्रतिनिधियों को निलंबित मुक्त किया गया था। लेकिन बाद में निलंबन मुक्त कराने की अनुशंसा कर दी गई। अब ऐसे मामले में सरकार निर्णय लेकर इन जनप्रतिनिधियों को चुनाव लड़ने की अनुमति देगी।
निलंबन मुक्त करने के लिए कई शर्त भी तय
वहीं अपने कार्यकाल के दौरान मुखिया सहित कई जनप्रतिनिधियों पर गबन भ्रष्टाचार और अनियमितता के मामले में निलंबित किया गया था, बाद में उन्होंने भी अपने स्तर पर विभाग से निलंबित निलंबन मुक्त करने का आवेदन दिया था। ऐसे में आवेदनों पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा निलंबन मुक्त करने के लिए कई शर्त भी तय की गई हैं, शर्तों पर खरा नहीं उतरने वालों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिल सकेगी।