[Team insider] मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा विधानसभा में 1932 के खतियान को लेकर दिए बयान के बाद जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम का दर्द छलक कर बाहर आ गया और आंखें नम हो गई। उन्होंने कहा कि बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि सरकार में रह कर भी आज हम आहत हैं। हम ही नहीं पूरे झारखंड के लोग आहत हैं। राज्य के लोग 1932 के खतियान अधारित नियोजन नीति की मांग कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में यह मांग छात्र, किसान, ग्रामीण, मजदूर कर रहे हैं। जगह-जगह रैली निकाली जा रही है।
जनता का विश्वास सरकार से टूट गया है
उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि गुरुजी अगर सदन नेता होते तो इस तरह की बात नहीं करते लेकिन हेमंत का द्वारा य़ह बयान के साथ कोर्ट का भी हवाला दिया गया। इस पर लोबिन हेंब्रम ने कहा कि कोर्ट क्या करता, नहीं करता यह तो वक्त की बात थी। लेकिन जनता का विश्वास सरकार से टूट गया है। देश के हर राज्य में अलग-अलग डोमिसाइल है। अगर सर्वे होगा तो पता चलेगा कि कई लोग दो राज्यों की का डोमिसाइल का लाभ ले रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनेगी तो स्थानीय नीति बनेगी, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ है। जनता का क्षेत्र से फोन आ रहा है।
सीएम ने झारखंड की मिट्टी को किया है दागदार
स्टीफन मरांडी ने सीएम से बात करने के लिए समय मांगा सीएम से बात के दौरान सुझाव दिया कि जिसका भी खतियान है, उस पर आधारित स्थानीय नियोजन नीति बनाने की बात कही। विधायकों ने सुझाव दिया सीएम ने कहा कि इस पर आगे बैठक कर नीति बनाया जाएगा, लेकिन आज तक नहीं बना। सीएम ने झारखंड की मिट्टी को दागदार किया है, राज्य के युवा इस दाग को मिटायेंगे।
5 तारीख से पूरे राज्य का दौरा करेंगे जन समर्थन मिलेगा। सिद्धू कान्हु के गांव से मिट्टी लेकर पूरे राज्य का दौरा करेंगे। अंतिम अप्रैल तक अगर सरकार कुछ नहीं करेगा तो पूरे जन आंदोलन करेंगे। वही जेएमएम के विधायकों का भी मानना है कि सीएम ने गलत बयान दिया है लेकिन वह सामने नहीं आ रहे हैं।