[Team insider] झारखंड प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के बनाए जाने के बाद प्रभारी द्वारा लगातार बैठकों का दौर जारी है। अविनाश पांडे ने कार्यभार संभालने के साथ ही पांच बार से ज्यादा झारखंड का दौरा किया है। वहीं कभी दिल्ली तो कभी रांची कांग्रेस नेताओं के साथ लागतार बैठक कर रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। वहीं इससे पहले अविनाश पांडे ने 31 मार्च को दिल्ली में पुराने नेताओं के संग एक उच्च स्तरीय बैठक की थी। उसके बाद फिर 1 अप्रैल से 3 अप्रैल तक वे रांची दौरे पर थे। यहां उन्होंने फिर से बैठने की। वही अब 5 अप्रैल यानी मंगलवार को अविनाश पांडे ने फिर से दिल्ली में पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में पुराने नेतों और पूर्व प्रदेश अध्यक्षों का को भी बुलाया गया है। ऐसे में कहीं पॉलीटिकल प्रेशर तो नहीं है।
प्रदेश स्तरीय नेताओं में नाराजगी
वहीं, दूसरी तरफ प्रभारी की कार्यशैली और उनके लगातार दिल्ली बुलाये जाने से प्रदेश स्तरीय नेताओं में नाराजगी बन रही है। पार्टी स्तरीय एक नेता का कहना है कि अभी दो दिन पहले वे रांची आये थे। चाहते तो वे यही बैठक कर सकते थे। लेकिन ऐसा नहीं कर उन्होंने सभी को दिल्ली बुला लिया।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भी नहीं हुई कोई बात
दरअसल कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और समन्वय समिति का गठन नहीं होने से महागठबंधन के बीच एक बार फिर से खटास शुरू हो गया है। 29 दिन पहले कांग्रेस पार्टी ने इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास प्रस्ताव भेज था लेकिन अबतक इसका जवाब नहीं मिल है। दो दिन पहले विधायक दल की बैठक मे एक बार फिर यह मामला उठा था और पार्टी के कई विधायकों ने प्रभारी के समक्ष इस बात को रखा था कि कांग्रेस के किसी भी सवाल का जवाब ना तो मुख्यमंत्री के तरफ से ही आता है और ना ही झामुमो की तरफ से ही।