[Team insider] जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम ने मंगलवार को पुराने विधानसभा में खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति की मांग को लेकर बैठक की। इस दौरान बैठक में सभी जिलों के 3 से 4 प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में लोबिन हेम्ब्रोम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोला। वहीं उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अप्रैल के अंत तक खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति लागू नहीं होती है तो वह 5 मई को झारखंड बंद का आह्वान करेंगे। लेकिन पंचायत चुनाव के कारण उन्होंने बंद को स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही लोबिन ने घोषणा की है कि आगामी 9 जून को बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर वे और उनके समर्थक राजधानी से उलगुलान की शुरुआत करेंगे।
मुझे पार्टी से निकाल दें, देर करोगे तो पछताना पड़ेगा
विधायक हेंब्रम ने कहा कि अब तो हेमंत सरकार से कोई उम्मीद नहीं बची है, फिर भी उम्मीद रखे हुए हैं। झारखंड के आदिवासी मूलवासी के हित में अगर अपनी ही सरकार के खिलाफ नहीं बोलेंगे, तो कब बोलेंगे। लोग कहते हैं कि पार्टी से मुझे निकाल दिया जाएगा। मैं कहता हूं कि अगर किसी को दिक्कत है तो मुझे पार्टी से निकाल दें, देर करोगे तो पछताना पड़ेगा।
शर्म आती है कि पार्टी के मुख्यमंत्री गलत बयान देते हैं
जेएमएम विधायक ने मुख्यमंत्री के सदन में दिये बयान, कि ‘खतियान आधारित नियोजन नीति बनाते हैं तो हाइकोर्ट रद्द कर देगा’ पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री से यह उम्मीद नहीं थी। जेएमएम का तो यह घोषणापत्र था, लेकिन शर्म आती है कि हमारे पार्टी के मुख्यमंत्री यह बयान देते हैं। उन्हें पहले नीति बनाना चाहिए लेकिन बनाने की जगह मुख्यमंत्री इससे बच रहे हैं।
बाहरी लोग हैं यहां के खनिजों पर अपनी नजर गड़ाये हुए हैं
जेएमएम विधायक ने कहा कि 22 साल पहले बिहार झारखंड से अलग हो गया था, पर झारखंड आज तक बिहार से अलग नहीं हो सका है। बाहर के लोग कहते हैं कि 1932 के स्थानीय और नियोजन नीति बनाने से हंगामा होगा। ये वहीं बाहरी लोग हैं जो झारखंड के आदिवासी-मूलवासी लोगों की जमीन, यहां के खनिजों पर अपनी नजर गड़ाये हुए हैं। लोबिन ने इस बात को प्रमुखता से कहा है कि उनकी मांग केवल एक ही है, 1932 के आधार पर स्थानीय और नियोजन नीति पहले लागू हो, फिर सीएनटी-एसपीटी एक्ट और पेसा कानून को मजबूती से लागू किया जाये।