[Team Insider[ पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद केंद्रीय मंत्रियों के राज्य में हो रहे दौरे और सरकारी कार्यक्रमों में शिरकत को लेकर सत्ताधारी दल ने राज्य निर्वाचन आयोग से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की है। तो वही दूसरी तरफ भाजपा ने भी राज्य सरकार पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए 32 बीडीओ के ट्रांसफर पोस्टिंग का सवाल उठाया है।
दौरे को स्थगित करने की मांग
राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसको लेकर आचार संहिता लागू है। ऐसे में भारत सरकार के कई मंत्रियों का 19 जिलों में प्रवास और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक के कार्यक्रम तय किए गए हैं। जिसे सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद ने लागू चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। पार्टी नेताओं ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत की है। दौरे को स्थगित करने की मांग की है। क्योंकि सत्ताधारी दल का मानना है कि मंत्रियों का जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक के साथ-साथ राजनीतिक पार्टी के कार्यक्रम में भी भागीदारी होगी। जो पंचायत चुनाव को प्रभावित कर सकता है।
गठबंधन सरकार जनता का ध्यान बांटने की कर रही कोशिश
पंचायत चुनाव के प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद और भाजपा एक दूसरे पर आचार संहिता उल्लंघन कर राज्य में घोषित पंचायत चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगा रहे हैं। भाजपा का मानना है कि पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिए बिना चुनाव कराने के निर्णय लेने पर चौतरफा घिरी गठबंधन सरकार सिर्फ जनता का ध्यान बांटने की कोशिश कर इन दौरों का विरोध कर रही है।
पक्ष विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी
जबकि इन शिकायतों पर राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव ने कहा कि बीडीओ ट्रांसफर पोस्टिंग पहले से कार्मिक विभाग को भेजा गया था। इसलिए किया गया है। साथ ही केंद्रीय मंत्रियों के झारखंड दौरे के सवाल पर साफ कर दिया है कि इसमें कोई रोक नहीं है। ऐसे में पंचायत चुनाव को लेकर सत्ताधारी दलों और विपक्ष आचार संहिता उल्लंघन के मामलों को लेकर एक दूसरे को कटघरे में खड़ा कर रहा हैं। हालांकि निर्वाचन आयोग के बयान के बाद पक्ष विपक्ष के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के निपटारे होने के कयास लगाए जा रहे हैं।