[Team Insider] भाकपा माओवादियों के केंद्रीय कमेटी और पूर्वी रीजनल ब्यूरो के सदस्य कामरेड अरुण कुमार भट्टाचार्य उर्फ कबीर उर्फ कंचन दा की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों ने मंगलवार को बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम बंद का आह्वान किया है। इसको लेकर भाकपा माओवादियों के सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय और संकेत ने पत्र भी जारी किया है।इस बंद को देखते हुए झारखंड पुलिस भी हाई अलर्ट मोड पर है।
पुलिस अमानवीय व्यवहार कर रही
माओवादियों ने अपने पत्र में लिखा है कि उनके नेता कामरेड कंचन दा के साथ पुलिस अमानवीय व्यवहार कर रही है। हिरासत में पूछताछ के नाम पर मानसिक यातना,शारीरिक दुर्बलता के बावजूद बेहतर इलाज के लिए समुचित व्यवस्था नहीं दी जा रही है। संगठन यह मांग करता है कि उनका उचित इलाज करवाया जाए। साथ ही उन्हें राजनीतिक बंदी का दर्जा देकर बिना शर्त रिहा किया जाए।
नक्सली बंद को लेकर रेलवे और झारखंड पुलिस सर्तक
झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल होमकर ने कहा है कि नक्सली बंद को लेकर रेलवे और झारखंड पुलिस सर्तक हो गयी है। झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी जिलों के एसपी को सर्तकता के लिए दिशा-निर्देश दिये गए है। पुलिस मुख्यालय ने जिला के सभी एसपी को अलर्ट रहने और अति संवेदनशील क्षेत्रों में गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया है।
सबसे ज्यादा रेलवे लाइन को निशाना बनाया जाता
नक्सलियों द्वारा आहूत बंद के दौरान सबसे ज्यादा रेलवे लाइन को निशाना बनाया जाता रहा है। इस वर्ष 2022 में नक्सलियों के द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान भी रेलवे ट्रैक को निशाना बनाया गया था। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे ट्रैक्स की निगरानी के लिए रेल पुलिस के साथ केंद्रीय बल भी सहयोग कर रहे हैं।
कैडरों को जोड़ने का काम किया
गौरतलब है कि भाकपा माओवादियों के शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं में शामिल कामरेड कंचन दा को झारखंड पुलिस की निशानदेही पर असम से इसी महीने गिरफ्तार किया गया था। वह पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के शिवपुर, शालीमार रोड का रहने वाला है। साल 2004 तक अरूण कुमार भट्टाचार्या उर्फ कबीर उर्फ कंचन उर्फ कंचन दा को सैक सदस्य से सेंट्रल कमिटी सदस्य के तौर पर प्रोन्नति दी गई थी। साल 2019 तक सारंडा इलाके में रह कर कंचन ने कैडरों को जोड़ने का काम किया था। वह पार्टी की विचारधारा से लोगों को जोड़ने का काम करता था।