[Team Insider] झारखंड की सेवानिवृत आईएएस अधिकारी सुचित्रा सिन्हा को मंगलवार विमेंस ट्रांसफार्मिंग अवार्ड से सम्मानित किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर नीति आयोग के द्वारा कला , संस्कृति और हस्तशिल्प संवर्धन के लिए ये पुरस्कार दिया जाता है।
2018 में इस पुरस्कार की हुई शुरूआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 2018 में इस पुरस्कार की शुरूआत की गयी है। पुरस्कार वैसी महिलाओं को दिया जाता है जिन्होने अपने प्रयासों से समाज में बदलाव लाया है।इस के तीन आयाम हैं इच्छा शक्ति , कर्म शक्ति और ज्ञान शक्ति। इस आधार पर जिन असाधारण महिलाओं ने सशक्त और समर्थ भारत निर्माण में योगदान दिया वही इस पुरस्कार के योग्य मानी जाती हैं।
सबर आदिम जनजाति के उत्थान के लिए काम
सुचित्रा सिन्हा को सरायकेला के नीमडीह में पिछले ढाई दशक से सबर आदिम जनजाति के बीच काम करके उनके उत्थान के लिए अथक प्रयास के लिए चुना गया। सुचित्रा सिन्हा ने सबर जनजाति के कारीगरों के हस्तशिल्प के हुनर को निखारने और उनके उत्पादों को बाजार देने के लिए उल्लेखनीय काम किए हैं। जिनमें निफ्ट से प्रशिक्षण के अलावा राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेलों में भागीदारी भी शामिल हैं।नीमडीह के सबर आज दस हजार रूपए प्रतिमाह तक अर्जित कर रहे हैं।साथ ही उनके उत्पाद अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध हैं।
नीति आयोग को दिया धन्यवाद
सुचित्रा सिन्हा को ये अवार्ड बॉक्सर लोवलीना बोरगोहेन और महिला क्रिकेटर मानसी जोशी के हाथों मिला।उन्होने इस अवार्ड को सबर जनजाति के कारीगरों को समर्पित किया है। जिनके हस्तशिल्प देश विदेश में लोकप्रिय हुए और उन्हे ये सम्मान मिला। सुचित्रा सिन्हा ने ये भी कहा कि इस पुरस्कार से मेरी जिम्मेवारी और भी बढ़ गयी है और आगे भी इसका निर्वहन पूरी इमानदारी से करूंगी। साथ ही नीति आयोग को धन्यवाद देते हुए इस बात की खुशी भी जताई कि मेट्रोपोलिटन शहरों से निकल कर सूदूरवर्ती गाँवों और क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को भी इस तरह के पुरस्कार मिल रहे हैं। इस वर्ष यह अवार्ड संयुक्त राष्ट्र सीआईएस सी, सीएसआर, आईसीसीआई और ग्रांट भारत के सौजन्य से दिया गया है।