[Team insider] झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आमलगीर आलम की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दरअसल जून 2020 में साहेबगंज के बरहरवा में हाट बाजार की बंदोबस्ती को लेकर हुए टेंडर विवाद मामले में ईडी का शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रांची जोनल आफिस के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा ने नोटिस जारी कर इस मामले की जानकारी मांगी है। ईडी दर्ज प्राथमिकी की भी जानकारी मांगी है।
तीन अलग अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी
इसी प्रकरण के बाद शंभू नंदन प्रसाद के आवेदन पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी। वहीं बरहरवा निवासी दिलीप साहा और उदय कुमार हजारी के आवेदन पर ठेकेदार शंभू नंदन प्रसाद को आरोपी बनाया गया था।
बरहरवा नगर पंचायत के सैरात (हाट-बाजार) की बंदोबस्ती के दौरान 22 जून 2020 को दो गुटों में विवाद हो गया था। इसके बाद इस मामले में तीन अलग अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
पहली प्राथमिकी पाकुड़ के रहने वाले शंभु नंदन भगत ने बरहरवा थाने में राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट के विधायक सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित 11 के खिलाफ दर्ज कराई थी।
दूसरी प्राथमिकी बरहरवा के रहने वाले दिलीप साहा के लिखित आवेदन पर पाकुड़ निवासी शंभू नंदन भगत पर दर्ज की गई थी।
तीसरी प्राथमिकी भी बरहरवा निवासी उदय कुमार हजारी के आवेदन पर शंभू नंदन भगत पर दर्ज की गई थी।
इस मामले में वायरल हुए एक ऑडियो में आलमगीर आलम, पंकज मिश्रा और शंभु नंदन भगत बातचीत करते दिखे थे। ऑडियो में पंकज मिश्रा और शंभू नंदन भगत के बीच तीखी बहस भी रेकॉर्ड हुई थी।