[Team insider] झारखंड में बंद पड़े कोयला खदानों में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन होता है। जिसमें हजारों की संख्या में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर उत्खनन करते हैं और कई बार दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। प्रत्येक वर्ष सैकड़ों लोग अपनी जान गवां देते हैं। हालांकि इसका सटीक आंकड़ा नहीं मिल पाता है। क्योंकि दुर्घटना होने के बाद जब भी अवैध खनन के मामले सामने आते हैं, तो खुद खनन में शामिल परिवार जल्द से जल्द शव वहां से निकाल कर भागना चाहता है या उसका क्रिया कर्म करना चाहता है। कई बार अवैध खनन के दौरान मौत हो जाने पर दाह संस्कार भी संभव नहीं हो पाता है।
सिर्फ झारखंड की बात करें तो यहां हजारों परिवार कोयले के अवैध खनन से जुड़े हैं। अवैध उत्खनन के मामले में धनबाद का निरसा क्षेत्र सबसे बड़ा सेंटर है, लेकिन सिर्फ धनबाद ही नहीं राज्य के कई ऐसे जिले हैं जहां अवैध उत्खनन बड़ी तेजी से होती है। उनमें से रामगढ़, बोकारो, गिरिडीह, दुमका, गोड्डा प्रमुख हैं।
धनबाद जिले में दुर्घटना के सबसे ज्यादा मामले
हालांकि दुर्घटना की बात करें तो सबसे ज्यादा मामले धनबाद जिले से आता है। जिले में 1 हफ्ते के अंदर अवैध खनन के हादसे के चौथे मामला सामने आए है। एक फरवरी को निरसा की गोपीनाथ कासपारा और दहीबाड़ी आउटसोर्सिंग में एक-एक हादसे हुए थे। तीनों ही बंद खदान थी, इन दुर्घटनाओं में 16 लोगों की मौत की बात सामने आई थी। लेकिन प्रशासन ने केवल 5 मामलों की पुष्टि की थी। अभी तक यह मामला ठंडा नहीं हुआ था कि धनबाद जिले के ही महुदा में चाल धंसने का मामला सामने आया जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई, इस मामले में भी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि कितने लोगों की मौत हुई है। जिले के तीसरी स्थित पालम गांव में संचालित अवैध मायका खदान में चाल घटने के कारण एक युवती की मौत हो गई।
रामगढ़ जिले में 200 से अधिक खतरनाक सुरंग
वहीं रामगढ़ जिले की बात करें तो रामगढ़ जिले में मांडू घाटो, मांडु, रजरप्पा, सिरकाअरगड्डा के अलावा चितरपुर, पतरातू प्रखंड में स्थित सीसीएल की बंद पड़ी खदानों में व्यापक पैमाने पर कोयले का अवैध उत्खनन कर कोयले की तस्करी होती है। जिले में 200 से अधिक खतरनाक सुरंगों में जान जोखिम में डालकर कोयले का अवैध उत्खनन किया जाता है।
दुमका में सैकड़ों अवैध कोयला के खदान
दुमका की बात करें तो दुमका में सैकड़ों की संख्या में अवैध कोयला कोयला खदान बने हैं, जहां से बैलगाड़ी और ट्रकों के द्वारा पर कोयला पश्चिम बंगाल भेजे जाते हैं। बता दे कि पंचवाहिनी, गंधरकपुर, नौपहाड़ इलाको में सैकड़ों अवैध कोयला के खदान बनाकर कोयले का खनन किया जाता है। यह कोयला बैलगाड़ी और ट्रकों के द्वारा प बंगाल भेजे जा रहे हैं।
गिरिडीह जिले में ओपन कास्ट माइंस
वहीं गिरिडीह जिले में मुस्सफिल थाना क्षेत्र के ओपन कास्ट माइंस से धड़ल्ले से अवैध कोयला का कारोबार किया जाता है जहां से बिहार और यूपी की मंडी भेज भेजा जाता है।
अवैध खनन रोकने के लिए चलाया जाता है अभियान
अवैध खनन रोकने के लिए प्रशासन द्वारा लगातार अभियान चलाया जाता है। इसके बावजूद भी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर अवैध उत्खनन करते हैं और कई बार दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। अवैध खनन में आये दिन मौत की खबरें भी मिलती रहती हैं। कोयला मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक विगत पांच वर्षों (2016-17 से 2020-21 तक) के दौरान कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी बीसीसीएल, एनसीएल, डब्ल्यूसीएल, एसईसीएल, एमसीएल में कोयला के अवैध उत्खनन के संदर्भ में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की गयी है, जबकि सर्वाधिक एफआईआर इसीएल द्वारा दर्ज कराई गयी है।
633 मामलों में सर्वाधिक 603 मामले इसीएल के हुए दर्ज
आंकड़ों के मुताबिक कोल कंपनियों द्वारा दर्ज कुल 633 मामलों में सर्वाधिक 603 मामले इसीएल द्वारा दर्ज करायी गयी है, जबकि सीसीएल द्वारा 11 और एनईसीएल द्वारा 19 मामले दर्ज कराये गये हैं। विभिन्न कोल कंपनियों द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 17, वर्ष 2019-20 में 243, वर्ष 2018-19 में 263 वर्ष 2017-18 में 94 व वर्ष 2016-17 में कुल 16 एफआईआर दर्ज करायी गयी है। यानी सर्वाधिक एफआईआर वित्त वर्ष 2019 – 20 व 2018-19 में दर्ज करायी गयी है। उनमें बीसीसीएल में अवैध कोयला उत्खनन के एक भी प्रकरण शामिल नहीं हैं। केवल इसीएल, सीसीएल एवं एनईसी में ही अवैध कोयला उत्खनन के प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज हुई है।
कब-कब हुआ हादसे
2007 में रजरप्पा थाना क्षेत्र के भुजुंगडीह स्थित सीसीएल की बंद पड़ी खदान में चाल धंसने से 14 लोगों की गयी जान।
12 दिसंबर 2018: चापापुर आउटसोर्सिंग के पास एक की मौत, तीन घायल
4 नंवबर 2018: निरसा कोलियरी आउटसोर्सिंग के पास एक की मौत, तीन घायल
3 जुलाई 2018: श्यामपुर की बंद खदान में तीन की मौत
6 जून 2018: चापापुर आउटसोर्सिंग के पास एक की मौत, दो घायल
1 जून 2018: गोपीनाथपुर ओसीपी के पास एक की मौत, दो घायल
14 जनवरी 2019: चापापुर आउटसोर्सिंग के पास दो की मौत
25 दिसंबर 2019: चापापुर आउटसोर्सिंग के पास दो की मौत
27 जनवरी 2020: कापासारा आउटसोर्सिंग के पास तीन की मौत
24 जनवरी 2020: कापासारा आउटसोर्सिंग के पास चार की मौत
23 जनवरी 2020: कापासारा आउटसोर्सिंग के पास दो की मौत
25 जनवरी 2020: कापासारा आउटसोर्सिंग के पास तीन की मौत
4 फरवरी 2020: राजपुरा ओसीपी के पास एक की मौत, दो घायल
14 जनवरी 2020: चापापुर आउटसोर्सिंग के पास दो की मौत
13 फरवरी 2020: कापासारा आउटसोर्सिंग के पास दो की मौत
21 जनवरी 21 घाटो ओपी क्षेत्र के लईयो में चाल धंसने से दो लोगों की मौत
03 तीन जुलाई 21 को रजरप्पा प्रोजेक्ट में एक दंपति की मौत
अगस्त 21 में दो लोगों की मौत
23 दिसंबर 2021: दहीबाडी सी पैच मे एक की मौत
6 जनवरी 2022: दहीबाडी सी पैच में एक की मौत एवं एक घायल व्यक्ति की मौत हो गई
1 फरवरी 2022: निरसा के कापासारा में गोपीनाथपुर में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत
9 फरवरी 2022: महुदा में चाल धंसने 2 लोगों की मौत