Jharkhand Election 2024: आजादी के 77 साल बीत जाने के बाद भी सड़कें नहीं बनने से घाघरा प्रखंड के बिमरला और दीरगांव पंचायत के 20 गांवों के करीब 15 हजार लोगों में गुस्सा है। यही वजह है कि ग्रामीणों ने इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में वोट नहीं देने का फैसला किया है।
शनिवार को दोनों पंचायत के ग्रामीणों ने जनसभा की, जिसमें फैसला लिया गया कि अगर विधानसभा चुनाव में गांव का कोई भी इंसान किसी राजनीति पार्टी का बूथ एजेंट बनेगा, तो उसके परिवार का बहिष्कार करते हुए दाना पानी बंद किया जाएगा। पंचायती संबंधित व्यक्ति को सजा भी देगी, इसके अलावा अगर कोई ग्रामीण भी वोट देने जायेगा तो उसे भी सजा सुनाई जाएगी।
ग्रामीणों का कहना है कि ‘हमलोग यहां संकट में जी रहे हैं, सड़कें नहीं होने से गर्भवती और बीमार लोगों को अस्पताल ले जाने में परेशानी होती है। गांव में अस्पताल भवन है, पर न डॉक्टर हैं और न नर्स। इलाज के लिए 30 किमी दूर प्रखंड मुख्यालय घाघरा जाना पड़ता है, स्कूल की छत भी टूटकर गिर रही है। प्रशासन और नेताओं से फरियाद लगा कर लोग थक गए हैं। अब गांव के प्रवेश द्वार पर नेताओं के लिए नो इंट्री की बैरिकेडिंग लगायी जायेगी।’