झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा जैविक उद्यान से एक दुखद खबर सामने आई है। उद्यान में बाघिन के चार नवजात शावकों की मौत हो गई है। 10 मई को ही उनका जन्म हुआ था। बाघ के बच्चों की मौत से कई सवाल उठ रहे हैं।
बता दें कि रांची की ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में बाघिन के चार शावकों की मौत हो गई है। चिड़ियाघर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गौरी नाम की बाघिन ने 10 मई की मध्य रात में चार शावकों को जन्म दिया था। बताया जा रहा है कि चारों शावक बाघिन के बेहद करीब आ गए थे और उसके नीचे दबने से मौत हुई है।
यह भी दावा किया जा रहा है कि शावकों के जन्म के बाद सीसीटीवी के जरिए पूरी मॉनिटरिंग की जा रही थी। इसके बावजूद नवजात शावकों को नहीं बचाया जा सका। बाद में चारों शावकों का पोस्टमॉर्टम करा कर शवदाहगृह में जला दिया गया है। दलील दी जा रही है की गौरी नामक बाघिन का पहला प्रसव हुआ था। उसके करीब चारों शावक थे। इसी बीच बाघिन के करवट बदलने की इस वजह से सभी शावक दब गए और मौत हो गई।
चिड़ियाघर सूत्रों के मुताबिक शक होने पर केज के अंदर जाकर बाघिन को बच्चों से अलग किया गया, तब तक तीन शावकों की मौत हो गई थी। एक शावक की हालत गंभीर थी लेकिन उसे भी नहीं बचाया जा सका।