झारखंड में चंपई सोरेन के कैबिनेट विस्तार के बाद से नाराज चल रहे कांग्रेस के कुछ विधायक बुधवार को रांची लौट गए. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए राहत की खबर है. कांग्रेस के इन नाराज विधायकों ने यहां तक धमकी दे दी थी कि अगर मंत्रियों को नहीं हटाया गया तो वो बजट सत्र में शामिल नहीं होंगे. झारखंड में 23 फरवरी से बजट सत्र शुरू हो रहा है. कांग्रेस ने इसका ही बहिष्कार करने की धमकी दी थी. लेकिन पार्टी आला कमान ने नाराज विधायकों से मिलने के बाद साफ कर दिया है कि जो मंत्री बन गए हैं वे अभी बने रहेंगे. लेकिन शीघ्र ही उनकी समस्या का भी हल निकाला जायेगा.
मंगलवार रात और बुधवार को दिन में पार्टी के संगठन महासचिव केसी. वेणुगोपाल ने सभी नाराज विधायकों से वन-टू-वन बातचीत किए. उनसे बातचीत के बाद अब नाराज विधायकों का रुख नरम है. विधायकों से बातचीत में संगठन महासचिव केसी. वेणुगोपाल ने साफ कर दिया कि इस तरह से गोलबंद होकर मंत्रियों को हटाने की उनकी मांग एकबारगी नहीं मानी जा सकती. इससे सरकार की साख पर सीधा असर पड़ेगा. लेकिन, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कांग्रेस कोटे के चारों मंत्री सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं के सुझावों-शिकायतों पर तत्काल गौर करें. अगर इसमें कहीं कोताही हुई तो उन्हें रिप्लेस कर दिया जाएगा.
केसी. वेणुगोपाल के पहले पार्टी नेतृत्व ने मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता उमंग सिंघार को नाराज विधायकों को समझाने का टास्क सौंपा था. उन्होंने विधायकों से दो से तीन बार बातचीत की थी और कहा था कि उनकी भावनाओं से पार्टी नेतृत्व अवगत है. सही समय पर ठोस निर्णय लिया जाएगा. विधायकों की राज्य के बोर्ड-निगमों में जल्द नियुक्ति होगी और इसमें उनकी सिफारिशों पर गौर किया जाएगा.
पार्टी नेतृत्व ने विधायकों को राज्य में गठबंधन की सरकार की मजबूती के लिए काम करने और लोकसभा चुनाव की तैयारी पर फोकस करने को कहा है. दिल्ली में शनिवार से जमे सभी नौ विधायक बुधवार शाम तक रांची लौट आएंगे.
16 फरवरी को चंपई सोरेन कैबिनेट के विस्तार में कांग्रेस कोटे से उन्हीं चार विधायकों को मंत्री बनाया गया था, जो इसके पहले की हेमंत सरकार में मंत्री थे. इस बात पर कांग्रेस के कुल 12 विधायक नाराज हो गए थे. इनमें से नौ विधायक एक साथ दिल्ली के रिजॉर्ट में जमे हुए थे.