हजारीबाग: हजारीबाग से अलकायदा के एक संदिग्ध आतंकी को एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया है। इस आतंकी का नाम फैजान अहमद बताया जा रहा है। बता दें एटीएस की टीम ने झारखंड में कई जगहों पर एक साथ छापेमारी की है जिसमें हजारीबाग से अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट का सक्रिस सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हजारीबाग के लोसिंगाना थाना क्षेत्र के लोसिंघना चौक से पकड़े गए आतंकी फैजान अहमद पिता अब्दुल रशीद लोसिंगा निवासी है और होलसेल का व्यापारी है वह रांची के डॉक्टर इश्तियाक एवं उनके सहयोगियों के संपर्क में था डॉक्टर इश्तियाक उसके घर आए थे उसके साथ दो लोग और थे यहां भोजन भी किया था। बता दें गिरफ्तार करने के बाद एटीएस की टीम आतंकी को लेकर कोर्ट पहुंची है। संदिग्ध आतंकी को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुरक्षा घेरा में रखा गया है।
इसे के साथ उसे सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया है और रांची रिमांड पर ले जाया गया है। बताते चलें कि देश भर में कई जगहों पर छापेमारी की गयी और छुपे हुए आतंकियों को दबोचा गया। झारखंड में भी एंटी टेररिज्म स्क्वाड की टीम ने झारखंड में आतंकियों के छुपे होने की खबर में 14 जगहों पर रेड डाल कर अलकाएदा के सात आतंकी को गिरफ्तार कर लिया। बता दें राज्य में एटीएस का ये महत्वपूर्ण आपरेशन सफल रहा वहीं लोहरदगा, लातेहार, हजारीबाग, समेत अन्य जिलों से आतंकियों को अरेस्ट किया गया है। आतंकियों के छुपे होने की सूचना पर एटीएस की टीम ने झारखंड में कुल 14 अलग अलग जगहों पर छापेमारी की इस दौरान लोहरदगा से एक आतंकी के पास से हथियार भी बरामद हुआ। फिलहाल इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
इधर सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) आतंकी संगठन का अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के साथ संबंध है। बता दें 2014 में स्थापित, यह प्रतिबंधित आतंकी संगठन अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बर्मा और बांग्लादेश में अपने स्लीपर सेल के जरिए सक्रिय है। वहीं इन आतंकवादियों के लिए रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, रामगढ़, लोहरदगा, पाकुड़, और गिरिडीह जैसे सात जिले आतंकी स्लीपर सेल के लिए महफूज ठिकाना बन चुके हैं। ये कटअरपथी समूह अफगानकस्तान ईरान की तरह भारत में भी इस्लामिक राज्य स्थापित करने के लिए जिहाद छेड़ना चाहता है। इन स्लीपर सेल का उद्देश्य झारखंड में आतंक का प्रचार करना, मुस्लिम समान विचारधारा वाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए लोगों युवाओं की भर्ती करना है। इस आतंकी संगठन से जुड़े लोगों का उद्देश्य लोकतांत्रिक रूप से चुनी गयी सरकार को इस्लामिक नियम स्थापित करके उखाड़ फेंका जा सके और भारत में ‘गजवा-ए-हिंद’ को लागू किया जा सके।
गिरफ्तार सभी आतंकवादी इसके प्रचार प्रसार करने में ही जुटे थे। साथ ही मुस्लिम युवाओं को भटकाकर उन्हें जिहाद के रास्ते पर लाना ही इनका उद्देश्य है। इधर कड़ी पूछताछ में उन गिरफ्तार लोगों ने बताया कि अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) संगठन का उद्देश्य यहां के स्थानीय मुस्लिम युवाओं को अपने संगठन में भर्ती करना है। उन्हें कट्टरपंथी विचाधारा से जोड़ना और भारत के खिलाफ साजिश रचना। इसके साथ ही बड़े आतंकवादी घटनाओ को अंजाम दिलवाना। अपने अपने क्षेत्र में आतंक का प्रचार करना। भारत में शरिया कानून स्थापित करने के साथ-साथ बांग्लादेश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और भारत में गजवा ए हिंद को लागू करने के लिए एक नियमित भर्ती प्रक्रिया को अंजाम देना है। बता दें पकड़े गए आतंकी के मंसूबे इतने भयावह है कि भारत की जनता को सतर्क रहने की आवश्यक्ता है। क्योंकि झारखंड के सात जिले आतंकवादी संगठनों के स्लीपर सेल का ठिकाना बना हुआ है। इन सात जिलों में रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, रामगढ़, लोहरदगा, पाकुड़ और गिरिडीह जिला शामिल है। ये सभी जिले आतंकियों के स्लीपर सेल को सुरक्षित पनाह देती रही है। इन स्थानों पर कई सालों से आतंकी अपनी गतिविधियों का रोड-मैप व साजिश की रूप-रेखा तैयार करते रहे हैं। बता दें पिछले 13 साल के दौरान राज्य इन सभी सातों जिले से आतंकवादी संगठनों के 26 स्लीपर सेल गिरफ्तार हो चुके हैं। झारखंड में इस प्रकार स्लीपर सेल का पाया जाना राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।