झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने सीएम चंपई सोरेन के विश्वासमत प्रस्ताव के दौरान विधानसभा में चुनौती दी थी कि अगर जमीन घोटाला मामले में सबूत दिखाए। साथ हेमंत ने यह भी दावा किया कि अगर उनके नाम पर जमीन का कागज भाजपा दिखा दे तो वे राजनीति और झारखंड दोनों छोड़ देंगे।
इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हेमंत सोरेन की चुनौती का जवाब एक वीडियो क्लिप के जरिए दिया है। इसमें बाबूलाल मरांडी ने संतोष पाहन नाम के एक व्यक्ति का वीडियो क्लिप दिखाया। मरांडी का दावा है कि संतोष पाहन उस जमीन का केयर टेकर है, जिस जमीन के मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा कि सोरेन की गिरफ्तारी से ठीक पहले 29 जनवरी को जमीन मूल मालिक को वापस कर दी गई है।
प्रेस कांफ्रेंस में बाबूलाल मरांडी ने बताया कि जमीन घोटाला मामले में ED ने हेमंत सोरेन को 7 अगस्त को पहला समन भेजा था। लेकिन वे हाजिर नहीं हुए। बाद में उन्होंने राजकुमार पाहन से 16 अगस्त को चिट्ठी लिखवाई, जिसमें लिखा था कि यह जमीन उसके नाम से है। जिसे दूसरे लोगों ने अनधिकृत रूप से अपने नाम कर ली है।
मरांडी ने दावा किया कि 29 जनवरी को जिस दिन हेमंत सोरेन दिल्ली गए थे, उसी दिन विशेष विनियम पदाधिकारी ने जमीन के खतियानी मालिक को जमीन वापस करने का आदेश पारित किया। ऑनलाइन इंट्री भी मूल मालिक के नाम अपडेट कर दिया गया। बाबूलाल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि हेमंत सोरेन ने अपनी काली कमाई को छिपाने के लिए यह जमीन किसी और के नाम से खरीदी है। अगर कागज पर नाम होता तो किसी दूसरे एक्ट के तहत कार्रवाई होती।