रांची: पिछले कई दिनो से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी आदिवासियों के आस्तित्व के लिए सवाल पर सवाल उठा रहें है। इस बार भी मरांडी ने पहाड़िया जनजाति की बच्ची की इलाज के आभाव में मलेरिया से मौत के बाद हेमंत सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व सीएम ने ट्वीट कर हेमंत सरकार को इस मौत और इसके साथ साथ अन्य स्त्री की मौत का जिम्मेवार ठहराया है। बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए झारखंड सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए बाबूलाल ने लिख कि झारखंड में आदिवासी समाज के भाइयों-बहनों को ईलाज ना मिल पाने के कारण तड़प-तड़प कर मरते देखना असहनीय है। राज्य के कोने-कोने से प्रत्येक दिन दिल को झकझोर देने वाली ख़बरें आ रहीं हैं। आज प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का हाल इतना बुरा हो गया है कि आए दिन परिवारजनों को इलाज के अभाव में अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
मरीजों को ना तो समय पर एम्बुलेंस मिल रही है, ना अस्पताल में डॉक्टर…। आदिम पहाड़िया जनजाति पहले ही अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है। आए दिन ज्ञात और अज्ञात बीमारियों से पहाड़िया जनजाति के लोगों की जान जा रही है। हाल ही में दुमका जिले के गोपीकांदर प्रखंड के कुंडा पहाड़ी गांव में 19 वर्षीय गर्भवती महिला प्रिंसिका महारानी का समय पर एंबुलेंस और इलाज न मिल पाने के कारण जान चली गई, तो वहीं जामताड़ा जिले के करमाटांड प्रखंड के नेंगराटांड गांव में अज्ञात बीमारी से पिछले 22 दिनों के अंदर आदिम जनजाति (पहाड़िया) परिवार के 8 सदस्यों की मौत हो गई है, अभी भी 10 से अधिक लोग अलग अलग बीमारी से ग्रसित है। आदिवासी समाज के ऊपर आई इस विपत्ति की घड़ी में भी राज्य सरकार के द्वारा बेहतर इलाज और बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंध करने की कोई पहल नहीं की गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आदिवासी समाज से मुंह फेर लिया है। जिस आदिवासी समाज ने अपना समर्थन देकर हेमन्त को सत्ता तक पहुँचाया, आज वही हेमंत सोरेन राजनितिक समीकरण के जोड़तोड़ में आदिवासियों की बलि चढ़ा रहे हैं। हेमंत जी, आदिवासी समाज आपके इस विश्वासघात को कभी नहीं भूलेगा।