रांची: मोरहबादी में भाजपा के युवा आक्रोश रैली कार्यक्रम के दौरान पुलिस के साथ झड़प मामले में भाजपा के शीर्ष नेताओं समेंत कार्यकर्ताओं पर हिंसा नोकझोंक आदि आरोपे को लेकर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपियों के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक के आदेश को विस्तार दिया है। दरअसल भाजपा के युवा आक्रोश मार्च में हुए उपद्रव के बाद उक्त सभी लोगों समेत दस हजार अज्ञात के ऊपर प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपियों पर उपद्रव करने, दंगा भड़काने, सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, अपराध के लिए उकसाने और दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराएं लगायी गयी हैं।
इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट के हुई। वहीं भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी एवं अन्य की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव और पार्थ जालान ने बहस की। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार और अधिवक्ता शादाब अख्तर ने बहस की। बता दें झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा, सांसद दीपक प्रकाश, ढुल्लू महतो, युवा मोर्चा के अध्यक्ष शशांक राज समेत 18 भाजपा नेताओं को मिली राहत बरकरार रखा है। मंगलवार को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह बाद की तिथि निर्धारित की है।