रांची: संथाल परगना इलाके में लैंड जिहाद किये जाने की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बांग्लादेशी मूल के व्यक्तियों द्वारा झारखंड में घुसपैठ कर मूलनिवासियों के जमीन को हथियाने के मामले को लेकर कोर्ट ने केंद्र से भी जवाब मांगा था जिसे लेकर अदालत ने नाराजगी भी जताई थी। वहीं अब गुरूवार को इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से जवाब दाखिल कर दिया गया है। बावजूद इसके केंद्र सरकार के वकील तकनीकी कारणों से कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाए। जिसके बाद अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए मंगलवार की तिथि निर्धारित की है।
बता दें मंगलवार को यह मामला पहले केस के रूप में सूचीबद्ध होगा। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। मालूम हो कि इस संबंध में जमशेदपुर के रहने वाले दानयल दानिश ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। बताते चलें कि पिछली सुनवाई के दौरान संथाल परगना के छह जिलों के डीसी ने अपने जवाब में गोड्डा, देवघर, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज और पाकुड़ में घुसपैठ से इनकार किया था। वहीं केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने हाई कोर्ट से मौखिक कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से संथाल परगना में ट्राइबल आबादी घटना गंभीर मामला है, केंद्र सरकार इस पर गहन अध्ययन कर रही है। केंद्र सरकार इस संवेदनशील विषय पर अपने सभी स्टेक होल्डर यथा आईबी, बीएसएफ. आदि से विचार-विमर्श कर एक कंप्रिहेंसिव जवाब दाखिल करेगी। बता दें तुषार मेहता कोर्ट में वर्चुअली जुड़े साथ ही अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था।