रांची: बांग्लादेशी रोहिंग़या घुसपैठ के मामले को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने बेहद महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए कहा कि जिसमें घुसपैठ की पहचान को लेकर एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। बता दें यह मामला पूर्व चीफ जस्टिस संजय मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की बेंच के सामने 22 नवंबर 2023 को आया, जिसमें राज्य सरकार की तैयारी का उल्लेख किया गया है।
इस मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने पहले तो कमेटी बनाने पर सहमति जताई, लेकिन बाद में इससे इनकार कर दिया। वहीं कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वे मिलकर एक जॉइंट कमेटी का गठन करें। इस कमेटी के सदस्यों के चयन पर भी हाई कोर्ट ने निर्णय लेने का आदेश दिया है। बताते चलें पूर्व के आदेश के बाद संथाल के जिलों के डीसी ने स्पष्ट रूप से अदालत को कहा था कि संथाल में एक भी घुसपैठ नहीं है, जबकि पारा 37 में राज्य ने इसे स्वीकार किया है।
वहीं पारा 39 में स्थिति और भी पेचीदा हो जाती है, जहां राज्य ने कहा कि घुसपैठ है, जबकि डीसी ने इससे इनकार किया है। इस जवाब के बाद कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को 30 सितंबर से पहले एफिडेविट फाइल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी। इस निर्णय से राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ की पहचान और उसके खिलाफ कार्रवाई में महत्वपूर्ण प्रगति होने की उम्मीद है।