रांची: बाबूलाल मरांडी ने दावा किया कि झारखंड में हिन्दू होने पर मौलिक अधिकारों और सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। गरीब आदिवासियों को पानी और मनरेगा में मजदूरी या फिर अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ हो हिन्दुओ को नहीं मिल रहा है और ऐसा हेमंत सरकार के मंत्री कर रहें है। बाबूलाल ने कहा कि उनके तीन चार मंत्री ऐसे है जो अपने विधानसभा क्षेत्र में हिन्दुऔं कोसरकारी लाभ लेने से रोकते है। अपने एक्सहैंडल पर पोस्ट कर उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की बांग्लादेशी घुसपैठियों को झारखंड में बसाने की योजना किसी से छुपी नहीं है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को बंगाल के माध्यम से झारखंड में बसाकर उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
अब इस सच्चाई से पूरा झारखंड अवगत है, लेकिन यह समस्या का केवल एक पहलू है। अनगिनत शिकायत पत्रों और अन्य स्रोतों के माध्यम से यह पता चला है कि पिछले पांच सालों में हेमंत सोरेन की सरकार, विशेष रूप से उनके तीन-चार मंत्रियों ने राज्य में हिंदू आबादी के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपना रखा है। सोशल मीडिया पर ऐसे हजारों वीडियो हैं, जिनमें हिंदू समाज के वृद्धजनों और माताओं-बहनों का कहना है कि जब वे किसी भी प्रकार की सहायता के लिए हेमंत सोरेन के मंत्रियों के पास जाते हैं, तो उन्हें यह कहकर भगा दिया जाता है कि “तुम हिंदू हो, तुम्हें सहायता नहीं मिलेगी।” पूरे राज्य में ऐसी समस्याएं फैली हुई हैं, चाहे वह अस्पताल में इलाज की बात हो या फिर आवास की।
पहले तो प्रधानमंत्री आवास योजना को राज्य में लागू नहीं होने दिया और उनकी मंशा ये थी कि राज्य ने नई आवास नीति बना कर सिर्फ बांग्लादेशी घुसपैठियों को बांटे जाएंगे जो कि प्रधानमंत्री आवास में संभव नहीं था और उसके कारण लाखों लोगों को उनके सपने के घर से वंचित रखा, और बाद में अपनी आवास नीति को लाकर बहुत ही कम संख्या में दिए गए और इन आवासों को चुनिंदा समुदाय के लोगों को ही दिया गया, जिसमें काफी बड़ी संख्या बांग्लादेशी घुसपैठियों की है। उन्हें घर बनाकर पक्का वोटर कार्ड देने की साजिश लंबे समय से चल रही है। दूसरी ओर, जब हिंदू समाज के लोग अपने काम के लिए जाते हैं, तो उन्हें यह कहकर भगा दिया जाता है कि “तुम्हें किसी भी सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि तुम हिंदू हो।”
झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में हिंदू होना मानो अपराध बन चुका है। राज्य की जनता के प्रति इस तरह की घृणा हेमंत सोरेन के मन में कई सालों से पनप रही है। हेमंत सोरेन के मन में यह गलतफहमी है कि वे बांग्लादेशी घुसपैठियों के वोट के माध्यम से झारखंड पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेंगे और उन्हें किसी अन्य वोटर की आवश्यकता नहीं है। हेमंत की इस खतरनाक सोच के परिणामस्वरूप, झारखंड में कई समुदाय उपेक्षित और संसाधनों से वंचित होते जा रहे हैं। यदि यह स्थिति जारी रही, तो वह दिन दूर नहीं जब झारखंड के संसाधनों पर बांग्लादेशी घुसपैठियों का कब्जा हो जाएगा और राज्य की व्यवस्थाओं में उनकी जड़ें मजबूत हो जाएंगी। उस समय हमें केवल हताशा ही हाथ लगेगी।