झारखंड क्रांतिकारी लोकतांत्रिक मोर्चा (JKLM) को बड़ा झटका लगा है, दरअसल आगामी विधानसभा चुनाव से पहले दो बड़े नेताओं (रिजवान अंसारी और संजय मेहता) ने पार्टी छोड़ दी है। इतना ही नहीं उन्होंने जेकेएलएम प्रमुख जयराम महतो पर उपेक्षा करने के आरोप लगाए हैं, जबकि रिजवान अंसारी पर अवैध वसूली के आरोप लगे थे।
कहा जा रहा है कि संजय मेहता के पार्टी छोड़ देने से JKLM को बड़ा नुकसान हुआ है, क्योंकि उन्हें जनता का सपोर्ट था। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने हजारीबाग से लगभग डेढ़ लाख वोट हासिल किए थे। पार्टी छोड़ते हुए संजय मेहता ने कहा कि ‘जयराम महतो मुझे अपमानित कर रहे थे, वे खुद के लोकसभा क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी नहीं देते थे। लगातार हो रही उपेक्षा के बाद मैंने पार्टी से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया।’
झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जयराम महतो की पार्टी JKLM में उथल-पुथल मच गई है। पार्टी के भीतरी कलेश अब खुलकर सामने आने लगे हैं, कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और बड़े नेता पार्टी से विदा लेंगे। ऐसे में देखना मजेदार होगा कि जयराम महतो पार्टी को एकजुट करने के लिए क्या कदम उठाते हैं।