रांची: झारखड प्रदेष कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में अमर शहीद पाण्डेय गणपत राय की जयन्ती प्रदेष कांग्रेस मुख्यालय, कांग्रेस भवन, में मनाई गयी। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश जी ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजली अर्पित की। प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने पाण्डेय गणपत राय को झारखंड का गौरव बताया। देष को आजाद कराने में इनकी भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है। वे बचपन से ही कुषाग्र बुद्धि के थे तथा देष के प्रति उनके अंदर भक्ति का अंकुर बाल्यावस्था में ही फूट चुका था। देश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि अमर शहीद पाण्डेंय गणपत राय कुषल रणनीतिकार थे।
उनकी कुषाग्र बुद्धि ने 1857 की राज्य क्रांति को छोटानागपुर पठार में एक उंचाई प्रदान की। गणपत राय को 21 अप्रैल 1858 को फांसी दी गयी। अंग्रेजों ने जब छल-बल से छोटानागपुर पर कब्जा करने की कोशिश की तो गणपत राय ने विरोध की पृष्ठभूमि तैयार की। उन्होंने पाण्डेय गणपत राय की जीवनी पर चर्चा करते हुए कहा कि बाल्यावस्था से हीं तलवार चलाना, षिकार खेलना इनका प्रिय शौक था। अग्रेंजों से देष को आजाद कराने में फिरंगियों से इन्होंनें जमकर लोहा लिया, इनके कार्यो से हर युवा को प्रेरणा लेनी चाहिए। एक साजिष के तहत फिरंगियों ने इन्हें गिरफ्तार करवाया था। इस अवसर पर मुख्य रूप से केएन त्रिपाठी, प्रदीप तुलस्यान, सुलतान अहमद, भीम कुमार, राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुंजनी, विनय सिन्हा दीपू, गजेन्द्र सिंह, रियाज अंसारी, राजन वर्मा, जगदीश साहु, निरंजन पासवान, सोनाल शांति, शान्तनू मिश्रा, अजहर पप्पु, सुरेन राम, महेन्द्र मिश्रा, शमशेर आलम, मदन कुमार महतो, हुसैन खान, प्रभात कुमार, योगेन्द्र सिंह बेनी, जितेन्द्र त्रिवेदी, राजू राम, राजीव नारायण प्रसाद, दामोदर बाल्मिकी, समुदर गुप्ता, जगरन्नाथ साहु, शहजादा, रामानंद केशरी आदि कंाग्रेसजन शामिल थे।