रांची: जेएमएम ने बीजेपी पर असंवैधानिक तौर पर दुष्प्रचार का आरोप लगाया है। पार्टी की ओर से कहा गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, सभी राजनीतिक विज्ञापनों को चुनाव आयोग द्वारा वेरिफाइड किया जाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त सभी प्रत्याशी के लिए चुनाव में किए जाने वाले खर्च की एक सीमा निर्धारित की गई है। साथ ही, छाया विज्ञापन दाताओं का
जिनका राजनीतिक दलों से सीधे या परोक्ष रूप से संबंध है, इसमें दखल निषेध है। बावजूद इसके, इन नियमों की अवहेलना की जा रही है। जेएमएम ने कहा कि यह अवहेलना और कोई नहीं भाजपा जैसी राजनीतिक दल बड़े आराम से कर रहा है। भाजपा ने कैसे मेटा प्लेटफॉर्म का उपयोग कर झारखंड में सिर्फ तीन महीनों में राजनीतिक विज्ञापनों पर 2.25 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। इसके जरिए भाजपा ने ना सिर्फ माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं की बल्कि मेटा प्लेटफॉर्म को राजनीतिक दुष्प्रचार का अड्डा बना दिया है।
इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल व सहयोगियों ने बनाया यह रिपोर्ट
यह रिपोर्ट इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल और टेक जस्टिस लॉ प्रोजेक्ट, दलित सॉलिडेरिटी फोरम, हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स, इंडिया सिविल वॉच इंटरनेशनल, द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई है। रिपोर्ट की माने तो सिर्फ गूगल पर भाजपा ने इस दौरान 71.82 लाख का अतिरिक्त खर्च किया, जिससे उनका कुल आधिकारिक डिजिटल विज्ञापन खर्च 2.49 करोड़ रू हो गया। भाजपा के खर्च के विपरीत झारखंड कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा सहित अन्य राजनीतिक दलों ने डिजिटल विज्ञापन में अपनी उपस्थिति काफी कम दिखाई है। आदिवासी नेता पर निशाना साधा है जांच रिपोर्ट में भाजपा के छाया विज्ञापनदाताओं के जटिल नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है, जो चुनाव के नियमों और मेटा प्लेटफॉर्म की नीतियों का उल्लंघन करते हुए आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को निशाना बना रहा है।
Jharkhand’s Shadow Politics: How Meta Permits, Profits From, and Promotes Shadow Political टाइटल से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि मेटा प्लेटफार्म पर भाजपा द्वारा चलाए गए छाया विज्ञापन अभियान ने आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की छवि को निशाना बनाया और सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा दिया। भाजपा के ऑफिशियल पेज के अतिरिक्त कई डमी पेजों के लिए लाखों रुपए खर्च कर भाजपा ने नारेटीव सेट किया, जिससे मेटा को अधिक पैसे की कमाई हुई है।
विभाजनकारी सामग्री पर किया खर्च
जारी रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा का ऑफिशियल सोशल मीडिया पेज के बराबर ही इन डमी सोशल मीडिया पेज खर्च कर विभाजनकारी सामग्री परोसा गया। भाजपा के ऑफिशियल झारखण्ड पेज ने 3,080 विज्ञापनों के जरिए 97.09 लाख खर्च किए, जिससे 10 करोड़ इंप्रेशन इसे मिला। वहीं भाजपा से जुड़े करीब 87 डमी पेज की पहचान हुई है, जिसपर 81.03 लाख खर्च किए गए हैं। इनमें एक मिनट से भी कम समय के एनिमेटेड वीडियो पोस्ट किए गए, जिनमें सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी कंटेंट थे, जो चुनाव आयोग के नियमों के विरुद्ध हैं।
मेटा के मूल्यों पर सवालिया निशान
रिपोर्ट की माने तो, इस डिजिटल हेरफेर में मेटा की भूमिका भी कटघरे पर खड़ी नजर आती है। एक आम मेटा यूजर को कई वेरिफिकेशन के बाद एकाउंट बनाने की अनुमति मिलती हैं, जबकि राजनीतिक विज्ञापनदाताओं के लिए कड़े वेरिफिकेशन का दावा करने के बावजूद, मेटा प्लेटफॉर्म ने डमी विज्ञापनदाताओं से असत्यापित एड्रेस प्रूफ और नंबर कैसे स्वीकार कर लिए गए। रिपोर्ट के अनुसार, डमी सोशल मीडिया पेज के जरिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की आदिवासी पहचान और एक धर्म विशेष पर उनके रुख को टारगेट किया गया। यह कार्य पहले ही चल रहा था, लेकिन हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद इसमें तेजी देखी गई।
दीपावली में कई सोशल मीडिया पेज के जरिए पेजों पर हेमंत सोरेन के सिर पर लाल सींगों के साथ तस्वीरें प्रसारित की गई। सामग्री में बार-बार मुस्लिम पुरुषों को नकारात्मक रूप से चित्रित किया गया लव जिहाद और बांग्लादेशी घुसपैठियों के संबंध में झूठी कहानियां प्रसारित की गई। साथ ही, इन फेक सोशल मीडिया पेज पर सांप्रदायिक नफरत भड़काने वाले विज्ञापन दिखाए गए। विज्ञापनों में हिंदु और मुसलमान को एक दूसरे के विरुद्ध खड़ा किया गया। इनमें हरे कुर्ते और सिर पर टोपी पहने पुरुषों को तलवारें लिए एक नारंगी वस्त्र पहने व्यक्ति का पीछा करते हुए दिखाया गया है, जिसके माथे पर तिलक है। बाद में भाग रहे व्यक्ति के साथ नारंगी वस्त्र पहने अन्य पुरुष जुड़ते हैं, ताकि तलवारधारी पुरुषों के समूह का सामना कर सकें।