रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में आज कांग्रेस भवन, रांची में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। संवाददाता सम्मेलन को पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, वर्तमान विधायक डॉ रामेश्वर उरांव ने संबोधित किया। इस अवसर पर डॉ रामेश्वर उांव ने कहा कि भारत का संविधान वह शक्ति है, जिसमें सदियों से दबे बहुजनों को अधिकार और सम्मान दिया है और भाजपा/आरएसएस संविधान पर आक्रमण कर बहुजनों को अधिकार और सम्मान के बीच दीवार बना रहे हैं ताकि बहुजन अपने अधिकार से वंचित हो जाए, आरक्षण और सामनता से दूर हो जाएं, और कांग्रेस इस दीवार को, भाजपा के मनसूबे को कभी पूरा नहीं होने देगी। 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा संविधान और संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान के लिए देश के संसदीय इतिहास में दर्ज हो गया है। अमित शाह ने कहा कि ‘‘अभी एक फैशन हो गया है अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता’’। गठबंधन के दलों द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में अडाणी मणिपुर पर चर्चा की मांग। बीजेपी हमेशा से लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों के प्रति तिरस्कार दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ती. इस बार तो हद ही पार कर दी. संविधान के पचहत्तर वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने संसद में सरकार से संविधान पर चर्चा की मांग रखी. अडानी, मणिपुर, संभल जैसे मामलों पर सदन में बहस की मांग लगातार ठुकराए जाने के बाद प्रतिपक्ष की संविधान पर चर्चा की मांग मान ली गई. इस मौके पर कांग्रेस समेत सभी दलों ने सरकार को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों की प्रतिबद्धता याद दिलाई. समता, समानता और न्याय के डॉ. अंबेडकर के आदर्शों पर चलने की सलाह बीजेपी को कतई रास नहीं आई. सत्ता पक्ष ने लगातार विपक्ष को बोलने से रोकने की कोशिश की. यही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर का अपमान कर संघ और बीजेपी की मनुवादी मानसिकता उजागर कर दी. भाजपा सरकार आरक्षण समाप्त करना चाहती है। आरक्षण खत्म करने की साजिश के तहत बीजेपी की संविधान बदलने की कोशिश को 2024 के आम चुनाव में जनता ने नाकाम कर दिया था और बैसाखी सरकार बना कर लोकतांत्रिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया था. लेकिन बीजेपी ये खीज अब संविधान निर्माता पर निकाल रही है और बाबा साहेब का अपमान किया गया है. लेकिन दुख की बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमित शाह को सीख देने के बजाय आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति तेज कर दी।
गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग
कांग्रेस समेत प्रतिपक्ष ने पीएम मोदी से अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है. लेकिन मोदी सरकार डॉ. अंबेडकर के अपमान को अपराध मानने को तैयार नहीं है. उल्टे बीजेपी ने संसद की कार्रवाई ठप रखी. यही नहीं अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसदों के साथ धक्का मुक्की की गई. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गिरा दिया गया. बीजेपी ने षड्यंत्र के तहत नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई. बीजेपी और उसकी मातृ संस्था हमेशा से डा. आंबेडकर और संविधान विरोधी रही है. इन्होंने न सिर्फ संविधान के निर्माण के समय से ही विरोध किया, बल्कि इससे पहले डा. आंबेडकर को चुनाव हरवाया था। कांग्रेस डॉ. अंबेडकर के अपमान को लेकर अमित शाह के इस्तीफे की मांग पर अटल है. जब तक अमित शाह इस्तीफा नहीं देंगे, हम विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी द्वारा कल अपराह्न 01 बजे कांग्रेस भवन, रांची से अम्बेडकर सम्मान मार्च निकाली जाएगी। मार्च के उपरांत उपायुक्त के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपकर गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की जाएगी। संवाददाता सम्मेलन में राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुजनी, लाल किशोर नाथ शाहदेव, सोनाल शांति, खुर्शीद हसन रूमी, जगदीश साहु, शान्तनू मिश्रा उपस्थित थे।