रांची: यह झारखण्ड का दुर्भाग्य है कि झारखण्ड राज्य के पहले मुख्यमंत्री ने ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही।वे मांडर के बूढ़ाखुखरा मैदान में शनिवार को कांग्रेस प्रत्याशी शिल्पी नेहा तिर्की के पक्ष आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। मौके पर हेमन्त सोरेन ने कहा आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकार की बात करने वाले नेता बंधु तिर्की को भाजपा ने सुनियोजित तरीके से चुनाव लडने से रोक दिया। हेमन्त ने कहा भाजपा आदिवासियों को डराने धमकाने का काम करती है, लेकिन झारखण्ड के आदिवासियों के तरकश से कभी तीर खत्म नहीं होता है।झारखण्ड में एक तरफ बड़ी बड़ी फौज खड़ी है, वहीं दूसरी तरफ गरीब, दलित, मूलवासी और आदिवासी अपने स्वाभिमान की लड़ाई के लिए खड़ा हैं। असम के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि वे पिछले एक साल से झारखण्ड में घूम रहे है। ऐसा लगता है कि इसने झारखण्ड सरकार को गिराने का सुपारी ले रखी है। असम में आदिवासी महिलाओं के साथ क्या हो रहा है, इस पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री क्यों नहीं बोलते। उन्होंने मईया सम्मान योजना, बिजली बिल माफी योजना और केसीसी ऋण माफी योजना की चर्चा की और कहा कि गठबंधन सरकार हमेशा से आदिवासियों और मूलवासियों के हित को लेकर सड़क से सदन तक संघर्ष किया है और हमेशा करता रहेगा।