रांची: झारखंड के बकाए रायल्टी से केंद्र ने साफ इनकार कर दिया है बता दें केंद्र सरकार ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा है कि झारखंड का केंद्र सरकार पर कोई बकाया नहीं है। रॉयल्टी का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया नहीं है। केंद्र सरकार के इस जवाब के बाद केंद्र और राज्य के बीच इस मुद्दे को लेकर विवाद बढ़ने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि झारखंड के लिए यह एक बड़ा मुद्दा है, जिसमें सालों से कहा जाता रहा है कि केंद्र सरकार पर रॉयल्टी का 1.36 लाख करोड़ रुपया का बकाया है, उसे वापस करना चाहिए। पप्पु यादव ने लोकसभा में यह सवाल उठाया था कि कोयला समेत माइंस से प्राप्त 1.36 लाख करोड़ रुपया केंद्र सरकार पर बकाया है। केंद्र सरकार उसे झारखंड सरकार को नहीं दे रही है। इस सवाल के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अपने जवाब में कहा है कि केंद्र सरकार के पास ऐसी कोई राशि बकाया नहीं है।
केंद्र सरकार झारखंड के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं करती है। बताते चलें कि इसी साल 24 सितंबर को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख करके यह मुद्दा उठाया था. साथ ही आग्रह किया था कि केंद्र सरकार झारखंड का 1.36 लाख रुपये बकाये का भुगतान कर दे. इसे लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा था. पत्र में कहा गया था कि बकाये की यह राशि कोयला कंपनियों पर बकाया है. नियमानुसार कोयला कंपनियों को इसका भुगतान करना चाहिये, लेकिन वह नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जाने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विधानसभा चुनाव से पहले इसे बड़ा मुद्दा बनाया था. राज्य भर में बड़े-बड़े होर्डिंग लगवाये थे, जिसमें केंद्र से 1.36 लाख करोड़ रुपये की मांग की गई थी. झामुमो यह कहती रही है कि अगर केंद्र सरकार यह रुपये दे देती है, तो झारखंड में गरीबों पर खर्च किया जायेगा। गांव-गांव तक सरकारी योजनाओं का जाल बिछाया जायेगा।