नक्सलियों के खिलाफ राज्य में लगातार पुलिस अभियान चला रही है जिसके बाद नक्सली या तो डर से सरेंडर कर रहे हैं या गिरफ्तार हो रहे हैं। वहीं आदिवासी क्षेत्र चाईबासा में नक्सलियों का कुछ अलग कहानी बयां कर रहा है। सुरक्षाबलों को इस क्षेत्र में लगातार केन बम के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। लेकन झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ ने इनके मंसूबों पर हाल ही में पानी फेर दिया है। सुरक्षाबलों द्वारा लगातार नक्सलियों के खिलाफ सतर्कता पूर्वक चलाए जा रहे अभियान से नक्सलियों में परेशानी और भारी डर समा चुका है। इसी कड़ी में कोल्हान इलाके में भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर कुलदीप गंझू ने मंगलवार को पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया।
तीन लाख दी जाएगी अनुदान राशि
कुलदीप ने चाईबासा पुलिस केंद्र में कोल्हान डीआईजी, सीआरपीएफ डीआईजी, डीसी और एसपी की मौजूदगी में सरेंडर किया। कुलदीप ने चाईबासा पुलिस और सीआरपीएफ क्षेत्र में लगातार चलाए जा रहे अभियान के डर से आत्मसमर्पण किया। कुलदीप भाकपा माओवादी का एरिया कमांडर था वह बीते 12 साल से इलाके में सक्रिय था। 13 साल की उम्र में ही वह नक्सली बन गया। उसके आत्मसमर्पण करने से झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत उसे तीन लाख अनुदान राशि दी जाएगी। इसके अलावा अगर वह किसी काम के लिए प्रशिक्षण लेना चाहेगा तो वह भी उसे दिया जायेगा। कुलदीप ने एक 303 रायफल के साथ आत्मसमर्पण किया है। उसके खिलाफ हत्या और आर्म्स एक्ट जैसे कई मामले दर्ज है।
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नक्सलियों के खिलाफ मिल रही है सफलता
बता दें कि राज्य को नक्सली मुक्त बनाने के उद्देश्य से झारखंड पुलिस, CRPF, कोबरा, झारखंड जगुआर समेत अन्य केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों द्वारा सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस दिशा में पुलिस को नक्सली संगठनों के खिलाफ निरंतर सफलता भी मिल रही है। साथ ही भटके नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए झारखंड पुलिस लगातार कार्य कर रही है।