रांची: उदयाचल सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही कार्तिक माह के छठ का समापन हो गया। इसके साथ ही 36 घंटे से निर्जल व्रतीयों ने अपना व्रत खोला। इस अवसर पर पूरे प्रदेश के घाटों की रौनक बढ़ी रही। पिछले चार दिनों से छठ पर्व की धूम धाम में राजधानी रांची सहित पूरे प्रदेश में लोग आस्था की नदी में डुबकी लगा रहे थे। झारखंड में चुनाव की बयार भी मानों इस दौरान थम सी गयी थी। झारखंड के नेताओं ने छठ के घाट पर जाकर अस्ताचल व उदयाचल सूर्य को अर्ध्य देकर प्रदेश की जनता के लिए प्रार्थना किया। इस महापर्व के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने भी छठी मईयां व भगवान भास्कर की पूजा में अर्ध्य दिया।
सीएम ने अपने ट्वीटर पर लिखा कि कल्पना गिरिडीह से चुनावी कार्यक्रमों में भाग ले रही है और मैं रांची से। यही कारण रहा आज जब छठ घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने गया तो कल्पना साथ नहीं थी। छठी मइयां और भगवान भास्कर सभी छठव्रती माताओं-बहनों और उनके परिवारजनों के तप को सफल करें, यही कामना करता हूं।
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी अपने चुनाव क्षेत्र राजधनवार से छठ घाट पहुंच कर भगवान भास्कर व छठी मईया को अर्ध्य दिया। उन्होने ट्वीटर पर लिखा कि छठ महापर्व के पावन अवसर पर राजधनवार के परिवारजनों के बीच उपस्थित रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। छठी मईया सबका कल्याण करें।
बता दें आज उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों और श्रद्धलुओं ने इस महापर्व का विधिवत समापन किया। इस दौरान राज्य के पवित्र नदियों और सरोवरों के घाटों पर आस्था का ऐसा नजारा देखने को मिला, जो अपने आप में प्रकृति के सुंदरतम रूप को प्रदर्शित कर रहा था। व्रती महिलाओं के साथ उनके परिजन भी सुबह से ही घाटों पर जुटे हुए थे। दीप धूप और यज्ञ से वातावरण सुगंधित हो उठा था। इस अवसर पर घाटों पर आतिशबाजी, लोकगीतों की गूंज और भक्तिमय वातावरण ने पर्व के उल्लास को और बढ़ा दिया। विशेष तौर पर लगभग हर घाट पर दिवंगत लोक गायिका शारदा सिन्हा की तस्वीर पर आयोजकों के दवारा श्रद्धंजलि अर्पित थी। शारदा सिंहा की आवाज से आज पूरा शहर गुंजायमान था।
मालूम हो कि छठ पूजा अपने आप में बेहद कठिन व्रत माना जाता है। यह पर्व पूरी श्रद्धा और कठोर नियमों का पालन करते हुए मनाया जाता है। व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं, जिसमें जल तक का सेवन नहीं किया जाता। इस पर्व में छठी मैया और भगवान भास्कर की आराधना की जाती है। मान्यता है कि उनकी कृपा से परिवार में सुख, समृद्धि और संतान की लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। तीसरे दिन व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया, जबकि आज चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रत का पारण किया गया। झारखंड में सुबह 6:30 बजे सूर्योदय का समय निर्धारित था। हालांकि, कोहरे के कारण सूर्यदेव के दर्शन में थोड़ी देर हुई, लेकिन इस दौरान श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। निर्धारित समय पर ही अर्घ्य देने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस दौरान सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए थे। घाटों पर बैरिकेडिंग और पुलिस बल की तैनाती के बावजूद श्रद्धालुओं का जनसैलाब घाटों पर उमड़ पड़ा।