रांची: दिल्ली मे हो रही नीति आयोग की बैठक का झारखंड के सीएम ने भी बहिष्कार कर दिया है। इस बैठक से दूर रहकर मुख्यमंत्री ने इंडिया ब्लॉक के दलों के साथ अपनी एकजुटता को प्रदर्शित किया है । मालूम हो कि विपक्ष इस बैठक का लगातार बहिष्कार कर रहा है । विपक्ष के दलों का कहना है की जब केंद्र सरकार राज्य सरकारों की बात नहीं सुनती है और ना ही उन्हें महत्व देती है तो इस बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। इस बैठक का हमारे लिए कोई उपयोगिता नहीं। वहीं झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी बैठक से दूर रहकर अपना निर्णय साफ जाहिर कर दिया है कि वो इंडिया गठबंधन के साथ है।
हालांकि पहले ऐसी चर्चा थी कि वह बैठक में शामिल हो सकते हैं। सीएम ने पिछले दिनों हुए अपने दिल्ली दौरे के दौरान कहा था कि नीति आयोग की बैठक में वह जाएंगे साथ ही झारखंड का बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये की मांग करेंगे. इस बाबत 26 जुलाई को भी दिन भर इस बात की चर्चा होती रही कि मुख्यमंत्री सोरेन दिल्ली बैठक मे शामिल होने जा सकते हैं, इसका कारण ये रहा कि इससे पहले 24 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में शामिल होने के बाद पत्रकारों के पूछे जाने पर भी हेमंत सोरेन ने इस बात का खंडन नहीं किया गया था कि वो नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। इसके बाद शनिवार 27 जुलाई की सुबह भी हेमंत सोरेन के दिल्ली जाने की चर्चा हो रही थी जहां सुबह 9.30 बजे से नीति आयोग की बैठक शेड्यूल थी, परंतु हेमंत सोरेन अपने आवास पर थे, जिससे उनके बैठक मे शामिल न होने कि बात साफ हो गई।
पहले ही जताई थी नाराजगी
बता दे कि 23 जुलाई को संसद में पेश होने वाले बजट के दिन ही सीएम ने नीति आयोग की बैठक में नहीं जाने का संकेत दे दिया था। 23 जुलाई को पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने नीति आयोग कि बैठक को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि ‘संघीय ढांचे का उदाहरण देखिए, 23 जुलाई बजट पेश हुआ और 27 तारीख को नीति आयोग की बैठक रखी गई है, तो फिर किसका साथ और किसका विकास’?
बताते चले कि दिल्ली मे प्रधानमंत्री मोदी कि अध्यक्षता मे नीति आयोग कि बैठक आयोजित की गयी है जिसमे सभी राज्यों को आमंत्रित किया गया है। सरकार द्वारा आयोजित इस बैठक का इंडिया गठबंधन के कई दल पुरजोर विरोध व बहिष्कार करते हुए इस बैठक मे शामिल न होने का फैसला किए है।