कोयला मंत्रालय एक बार फिर पूरे देश में 61 कोल ब्लॉकों की नीलामी करने जा रहा है। इनमें से 6 ब्लॉक झारखंड से हैं, जिनमें कुल 3100 मिलियन टन से अधिक कोयले का भंडार है। नीलामी कोल माइंस स्पेशल प्रोविजन एक्ट-2015 और माइंस एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट-1957 के तहत चिह्नित कोल ब्लॉकों के लिए आयोजित की जाएगी।
झारखंड में चिह्नित कोल ब्लॉक:
- दो हजारीबाग में:
- बुंडू कोल ब्लॉक (क्षमता: 102 एमटी)
- गावा इस्ट कोल ब्लॉक (क्षमता: 55 एमटी)
- दो लातेहार में:
- कइमा कोल फील्ड (क्षमता: 500 एमटी)
- केरेंडारी बीसी नार्थ कोल ब्लॉक (क्षमता: 600 एमटी)
- एक दुमका में:
- दुलिया कोल ब्लॉक (क्षमता: 701 एमटी)
- एक गोड्डा में:
- गोलमापहाड़ी सुलियाबाना कोल ब्लॉक (क्षमता: 1200 एमटी)
सबसे अधिक भंडार वाला ब्लॉक: दुमका का गोलमापहाड़ी सुलियाबाना कोल ब्लॉक 1200 मिलियन टन से अधिक कोयले के भंडार के साथ सबसे अधिक क्षमता वाला ब्लॉक है।
सबसे कम क्षमता वाला ब्लॉक: हजारीबाग का गावा इस्ट कोल ब्लॉक 55 मिलियन टन कोयले के भंडार के साथ सबसे कम क्षमता वाला ब्लॉक है।
अन्य राज्यों में नीलामी के लिए चिह्नित खदानें:
- ओडिशा: 19 खदानें
- छत्तीसगढ़: 15 खदानें
- मध्य प्रदेश: 15 खदानें
- बिहार: 3 खदानें
यह नीलामी देश में घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे बिजली संयंत्रों और अन्य उद्योगों को कोयले की आपूर्ति में सुधार होगा। नीलामी ऑनलाइन बोली प्रक्रिया के माध्यम से आयोजित की जाएगी। इच्छुक बोलीदाताओं को कोयला मंत्रालय की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा और बोली दस्तावेज डाउनलोड करना होगा। कोयला मंत्रालय को उम्मीद है कि इस नीलामी से देश में कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में भी मदद करेगा।