रांची: एक बार फिर बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट से पोस्अ कर हेमंत सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने एैस हैंडल पर लिखा कि पिछले पाँच वर्षों में झारखंड में महिला सुरक्षा की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। चाहे वह रुबिका पहाड़न का मामला हो या संध्या टोपनो का, राज्य में महिलाओं, विशेषकर आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार और शोषण की घटनाएँ बढ़ी हैं। यहाँ तक कि पुलिस सेवा में कार्यरत महिलाएँ भी इन घटनाओं से अछूती नहीं रही हैं। जब हेमंत सोरेन सत्ता में आए थे, उन्होंने महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के बड़े वादे किए थे, लेकिन उनके शासनकाल में महिला अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों में झारखंड ने एक शर्मनाक रिकॉर्ड कायम किया है, जहाँ देश में सबसे अधिक आदिवासी महिलाओं पर हमले और शोषण की घटनाएँ दर्ज की गईं।
स्थिति तब और गंभीर हो गई जब बांग्लादेशी घुसपैठियों को राज्य में बसाया गया, जिन्होंने आदिवासी महिलाओं पर हमले और शोषण की घटनाओं को अंजाम दिया। अब चुनाव नजदीक है, झारखंड की माताओं-बहनों को यह फैसला करना होगा कि वे किसके साथ खड़ी होंगी। भाजपा की सरकार हमेशा महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध रही है, और कई राज्यों में भाजपा सरकारों ने महिला सुरक्षा के लिए ठोस और कड़े नियम बनाए हैं। इसके विपरीत, हेमंत सोरेन की सरकार ने महिलाओं के हितों की अनदेखी की है और आदिवासी महिलाओं की जमीन और संसाधनों की लूट को बढ़ावा दिया है। यह समय है कि झारखंड की महिलाएँ न्याय और सुरक्षा के पक्ष में खड़ी हों और ऐसी सरकार चुनें जो उनके अधिकारों की रक्षा कर सके।