धनबाद: माननीय राज्यपाल ने धनबाद में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के रजत जयंती प्रांतीय अधिवेशन को संबोधित किया। माननीय राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार ने आज धनबाद में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) झारखंड के रजत जयंती प्रदेश अधिवेशन में युवाओं को संबोधित करते हुए देश और झारखंड के विकास में उनके योगदान की सराहना की और प्रेरणादायी संदेश दिए। माननीय राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि अधिवेशन का यह आयोजन कई ऐतिहासिक संदर्भों से प्रेरणादायी है। भगवान धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती तथा एबीवीपी के शिल्पकार प्राध्यापक यशवंत राव केलकर के शताब्दी वर्ष के दौरान यह अधिवेशन झारखंड के युवाओं को नई ऊर्जा और संकल्प का संदेश देता है।
राज्यपाल महोदय ने झारखंड की स्थापना के रजत वर्ष का उल्लेख करते हुए भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के झारखंड राज्य निर्माण में योगदान को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि राज्य गठन संबंधी विधेयक संसद में लाया गया था तो वे आदरणीय अटल जी की सरकार में मंत्रिपरिषद के सदस्य थे और लोकसभा सांसद के रूप में उन्होंने राज्य के गठन के पक्ष में मत दिया था।माननीय राज्यपाल महोदय ने झारखंड के 82 हजार से अधिक युवाओं के एबीवीपी से जुड़ाव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संख्या मात्र आंकड़ा नहीं, बल्कि राज्य के युवाओं की ऊर्जा और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन और झारखंड को शिक्षा, रोजगार, खेल, नवाचार तथा सांस्कृतिक विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए अपना योगदान दें।
राज्यपाल महोदय ने स्वामी विवेकानंद जी के विचार ‘उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए’ का उल्लेख करते हुए युवाओं को निरंतर प्रयास और समर्पण का महत्व समझाया। राज्यपाल महोदय ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन न केवल राष्ट्रभक्ति का संदेश देता है, बल्कि युवाओं को उनकी सकारात्मक ऊर्जा के लिए एक दिशा प्रदान करता है। माननीय राज्यपाल महोदय ने सभी युवाओं से आह्वान किया कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विकसित भारत @2047’ के विजन को साकार करने में अपनी भूमिका निभाएं।