रांची: झारखंड के सबसे ज्वलंत मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई है। पिछले कई महिनों के दौरान सड़क से सदन तक गूंजने वाले बांग्लादेशी रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठ और संथाल परगना की बदलती डेमोग्राफी के मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। इसे लेकर मौनसून सत्र में विपक्ष के हंगामें के बाद 19 विधायको को निलंबन भी झेलना पड़ा। वहीं इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने भी संथाल के छहों जिलों के डीसी को रिपोर्ट सौंपने का निदेश दिया।
हालांकि उपायुक्तों की रिपोर्ट में घुसपैठ से इंकार किया गया परंतु इसे लेकर ही केंद्र सकार ने माना कि संथाल में घुसपैठ हुई है और एसपीटी एक्त को ताक पर रखकर आदिवासियों की जमीने मुस्लिमों को ट्रांसफर हो रही है। वहीं अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। बताया जा रहा कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ मामले की जांच अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) भी करेगी। इसे लेकर सूत्रों के हवाले से खबर है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में कथित बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ की जांच शुरू कर दी है। ईडी ने 6 जून को रांची जिले के बरियातू पुलिस थाना में दर्ज एफआईआर पुलिस शिकायत के आधार पर एक ईसीआईआर (पुलिस एफआईआर के बराबर) दर्ज किया है। वहीं केंद्र सरकार ने घुसपैठ से संबंधित मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत एक हलफनामे में संथाल परगना के जिलों में ‘खतरनाक’ जनसांख्यिकीय परिवर्तन को स्वीकार किया है। झारखंड उच्च न्यायालय ने भी क्षेत्र में कथित घुसपैठ की जांच के लिए एक स्वतंत्र पैनल का गठन किया है। बताते चलें कि मामले में ईडी ने पांच एफआईआर दर्ज किए हैं. इस केस की जांच पर ईडी के अलावा एनआईए भी जांच कर रही है ।